एलोवेरा के बारे में तो आपने सुना ही होगा। इसे घृतकुमारी या ग्वारपाठा भी कहा जाता है। एलोवेरा का इस्तेमाल सौंदर्य के लिए तो होता ही है, यह सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। तभी तो ब्यूटी उत्पादों और औषधियों के रूप में इसका चलन बढ़ गया है। कई तरह की स्वास्थ्य और सौंदर्य समस्याओं का यह अचूक उपाय है। आयुर्वेद की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। एलोवेरा की 200 प्रजातियां होती है, लेकिन मानव शरीर के लिए इसकी पांच प्रजातियां ही उपयोगी है। इनमें डेंसीस का स्थान सबसे पहला होता है। एलोविरा में 12 तरह के विटामिन, 18 तरह के मिनरल्स और 15 प्रकार के एमीनो एसिड होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है और यह बहुत पोषक होता है। आइए, जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में।
एलोवेरा को त्वचा पर लगाना फायदेमंद होता है और यह सेहत के लिए भी बहुत लाभप्रद है। इसकी कांटेदार पत्तियों को छीलकर इसका गुदा निकाला जाता है या फिर इसे काटकर रस भी निकाल सकते हैं, जिसे एलोवेरा जूस कहा जाता है। सुबह खाली पेट 3-4 चम्मच रस लेने से दिनभर शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति और ताकत बनी रहती है।
एलोवेरा में एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। छोटी-मोटी चोट या जलने-कटने पर इसे लगाने से राहत मिलती है। इसके अलावे किसी कीड़े के काटने पर इसके जेल को प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है। फटी एड़ियों में भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
एलोवेरा कई तरह की बीमारियों में राहत देता है। ब्लड शुगर कंट्रोल करने में यह कारगर होता है। त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे, रूखी त्वचा, चेहरे के दाग-धब्बों, झुर्रियों और धूप से झुलसी त्वचा में इसका इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है। पेट की बीमारियों, डायबिटीज के अलावा यह गर्भाशय के रोग और बवासीर जैसी गंभीर समस्याओं में भी इसका सेवन फायदेमंद है।
एलोवेरा देखने में भले ही अजीब लगता है, लेकिन इसमें गजब के औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके साथ ही यह खून की कमी भी दूर करता है। (नोट: इस लेख का आधार आयुर्वेद के जानकारों की सलाह है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने विशेषज्ञ से राय लेना बेहतर रहेगा।)