लॉकडाउन के दौरान गोल्ड लोन की बढ़ी मांग, बढ़ी कीमत से फायदा उठा रहे लोग

लॉकडाउन के दौरान गोल्ड लोन (Gold Loan) के प्रति लोगों को आकर्षण बढ़ा है। इस तरह के लोन में गोल्ड जूलरी को बतौर जमानत रखवाकर कर्ज (Loan) दिया जाता है। इसके अलावा गोल्ड की बढ़ती कीमत (Gold Price) भी इस मार्केट के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि लोग इसके चलते अधिक राशि के लोन के लिए आवेदन कर पा रहे हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां लगभग रुक सी गई हैं। ऐसे में लेंडर्स और बॉरोअर्स, दोनों इस वित्तीय औजार पर भरोसा कर रहे हैं, जिसे संकट के समय में सबसे सुरक्षित एसेट माना जाता है। आमदनी बढ़ाने का सुरक्षित स्रोत लेंडर्स के लिए गोल्ड आमदनी और कमाई बढ़ाने के लिए सबसे सुरक्षित एसेट है। यहां तक कि अगर आय घटने से बॉरोअर्स की रिस्क प्रोफाइल बिगड़ती है तो भी इसका लेंडर्स पर कोई खास असर नहीं पड़ता। वहीं बॉरोअर्स के लिए यह अपनी छोटी अवधि की जरूरतों को पूरा करने का सबसे आसान विकल्प है।

मांग में तेजी की संभावना मणप्पुरम फाइनैंस के मैनेजिंग डायरेक्टर वी. पी. नंदकुमार ने बताया, ‘आर्थिक गिरावट के दौर में बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) पर लोन के डिफॉल्ट जोखिम बढ़ जाता है और ऐसे में वे लोन देने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं। ऐसे में लॉकडाउन अवधि और उसके बाद गोल्ड लोन की मांग में तेजी आने की संभावना है।’ मणप्पुरम फाइनैंस एक NBFC है, जिसका मुख्य बिजनस गोल्ड लोन है। केरल के एक दूसरे लेंडर ESAF स्मॉल फाइनैंस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर के पॉल थॉमस ने बताया कि सरकार ने सामान की आवाजाही और कामकाज शुरू करने को लेकर चरणबद्ध तरीके से कुछ छूट दी है, लेकिन इसके बाद भी गोल्ड लोन की मांग बढ़ रही है।
कई कंपनियां उतरने की तैयारी में स्मॉल फाइनैंस बैंकों को गोल्ड लोन में काफी संभावनाएं दिख रही हैं। उज्ज्वीन स्मॉल फाइनैंस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन चुघ ने बताया कि उनका गोल्ड लोन बिजनस में एंट्री करने पर विचार चल रहा है। वहीं जना बैंक इस वर्टिकल का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है।
25 हजार टन घरों में पड़ा सोना वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुमान के मुताबिक, भारतीय घरों में करीब 22,000-25,000 टन सोना पड़ा हुआ है। इसमें से करीब 65 पर्सेंट सोना ग्रामीण इलाकों के परिवारों के पास है। थॉमस ने बताया, ‘शॉर्ट-टर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन सबसे सरल विकल्प है। खासकर जब दूसरे लेंडर्स लोन देने में सावधानी बरत रहे हों। सबसे अधिक डिमांड छह महीने के गोल्ड लोन की है।’
डिजिटल चैनल पर फोकस नंदकुमार ने बताया, ‘कई NBFC इस समय वित्तीय संकटों से जूझ रही हैं। ऐसे में लोन आवंटन में और कमी आएगी और गोल्ड लोन एक विकल्प के रूप में उभर सकता है। खासतौर से उन बॉरोअर्स के लिए, जिन्हें नियमित चैनलों के जरिए लोन नहीं मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी लोन की बेहतर रिकवरी के लिए डिजिटल चैनल पर फोकस कर रही है।

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