सहरसा। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को इलाज कराने में सुविधा मिल रही है। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस कार्ड से इलाज कराने अस्पतालों में कम ही लोग पहुंच रहे हैं। जिले में करीब सवा लाख लोगों का गोल्डेन कार्ड बन गया है। हालांकि इलाज की रफ्तार धीमी है। अबतक जिले में करीब छह सौ लोग ही इलाज करा सके हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत एक साल में पांच लाख तक का कैशलैस इलाज लोग कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी सरकारी या चिह्नित निजी अस्पताल में करा सकते हैं। इस कार्ड के माध्यम से अस्पताल में दवा, जांच आदि कराने पर अस्पताल प्रशासन ही इसका भुगतान करती है। अगर हम सदर अस्पताल की बात करें तो यहां साढ़े चार सौ मरीजों का इस कार्ड के माध्यम से इलाज हुआ। इलाज कराने वाले मो. शमसुद्दीन ने बताया कि उन्होंने शल्य चिकित्सा सदर अस्पताल में कराई थी। कार्ड रहने के कारण एक रुपये भी जेब से खर्च नहीं हुआ। बाहर से दवा, जांच आदि फ्री में किया गया। दमयंती देवी ने बताया कि उन्होंने अपने स्वजन का इस कार्ड से इलाज कराया। हालांकि अस्पताल में सुविधा कम रहने की वजह से अल्ट्रासाउंड आदि बाहर से ही कराना पड़ा। लेकिन उन्हें एक रुपये नहीं लगा। जिला स्वास्थ्य प्रबंधक विनय रंजन ने बताया कि सवा लाख लोगों का कार्ड बना है। कोरोना की वजह से रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई है। दो निजी अस्पताल का भी चयन किया गया है। जहां जल्द इलाज की सुविधा लोगों को इस कार्ड पर मिलने लगेगी।
Posted By: Jagran
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