शहर के कोरोना संक्रमित परिवार की हिस्ट्री जानने के लिए अब पुलिस प्रशासन घर के सभी सदस्यों के मोबाइल का सीडीआर खंगालने की तैयारी में है। गुरुवार को कोरोना पीड़ित 60 वर्षीया महिला समेत पांच सदस्यों को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी काफी परेशान रहे। इसके अलावा संक्रमित महिला के परिवार से जुड़े एक अन्य व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं। महिला के कारण कैमूर जिले के चैनपुर में उसके एक रिश्तेदार के घर आठ लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद से परेशानी और बढ़ गई है।
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सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने बताया कि महिला की ट्रेवल हिस्ट्री के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी परिवार के लोगों द्वारा छिपाने के कारण समस्या बढ़ गई है। पूरी हिस्ट्री नहीं मिलने से उसके संपर्क में आने वाले सभी संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने में कठिनाई हो रही है। वहीं परिवार के चिन्हित किए लोगों में से एक व्यक्ति का सैंपल अभी तक नहीं लिया जा सका है। इस बात की भी चर्चा है कि संक्रमित परिवार नवादा स्थित रिश्तेदार के यहां लॉकडाउन से कुछ ही दिन पूर्व शादी थी। जिसमें इस परिवार के लोग भी शामिल हुए थे। शादी समारोह में विदेश से आने वाला एक व्यक्ति भी शामिल था। हालांकि इस बात की फिलहाल आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। सिविल सर्जन ने बताया कि नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार से एक दिन पहले बुधवार को भेजे गए सैंपल रिपोर्ट में 32 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में फिलहाल 102 संदिग्ध मरीजों को रखा गया है। पहले दी गई जानकारी के अनुसार महिला लॉकडाउन से पहले किसी दूसरे राज्य में नहीं जाने की बात परिवार के लोगों ने बताई थी। सदस्यों द्वारा कहा गया था कि महिला की बेटी चैनपुर से अपने पति के साथ यहां आई थी। उसका पति पहुंचाकर जल्द ही वापस चला गया था। अन्य जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व महिला चैनपुर स्थित अपनी बेटी और बहन से मिलने गई थी। वहीं लॉकडाउन के दौरान रांची से सासाराम आने की जानकारी मिल रही है। लॉकडाउन अवधि में ही महिला को कैमूर से सासाराम भी सब्जी लदे वाहन से आई थी। संक्रमित महिला के दो बेटे झारखंड के रांची और कोलकाता में सब्जी का कारोबार करते है। महिला बिना ट्रेवल हिस्ट्री के कैसे संक्रमित हो गई यह सवाल प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के लिए फिलहाल सिरदर्द बना हुआ है। मोहल्ले के कुछ लोग बताते हैं कि चौखंडी के एक हकीम द्वारा भी उसका इलाज पूर्व में किया गया था।
Posted By: Jagran
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