लखीसराय से शहरनामा :::

मैडम की उतर गई बॉसगिरी

लॉकडाउन में मैडम अपनी बहन के साथ सड़क पर निकल गई। काम जरूरी ही होगा, लेकिन मास्क नहीं लगाने के कारण पुलिस ने सवाल कर दिया। सवाल सुनते ही मैडम आगबबूला हो गई। अब बेचारे सिपाही को क्या पता कि मैडम अपने बॉस का पॉवर लेकर बाजार निकली हैं। सिपाही भी कानून का पाठ पढ़ाने लगे। किसी तरह मैडम घर चली गई लेकिन अपमान की आग लेकर। उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ। चूंकि पॉवर बॉस वाला था, वे पूरे परिवार सहित पहुंचकर सिपाही से दोबारा उलझ गई। उन्हें औकात बता देने की धमकी के साथ अंग्रेजी वाली गाली देने लगीं। ड्यूटी वाले सिपाही भी मानने वाले कहां थे! बात पुलिस कप्तान तक पहुंची। थाने में शिकायत दर्ज करने का आदेश आया। यह जानकारी सामने आते ही मैडम का परिवार सहित होश उड़ गया। बॉस ने भी पल्ला झाड़ लिया। अब उसी सिपाही को मैनेज करने का जुगाड़ लगा रही हैं।
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धन्य जनता, धन्य माननीय
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में परेशान लोगों के लिए माननीय ने संदेश भेजा है। इसमें वे काफी दुखी दिख रहे हैं। उनका कहना है, लॉकडाउन में फंसा हूं.., कानून का पालन कर रहा हूं। सरकार हर संभव मदद कर रही है। जिला प्रशासन को वे रोज निर्देश दे रहे हैं। इधर, जनता भी पहले वाली नहीं रही। हाई टेक चुकी है। संदेश की अपने तरीके से प्रतिक्रिया देने लगी। माननीय जी, आप फंसे रहें लॉकडाउन में। अच्छी बात है। आप तो कहीं रहकर भी लोगों की भूख मिटा सकते हैं। आखिर चुनाव के समय भंडारा शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिलती है। इस समय उस तरह का ख्याल क्यों नहीं आ रहा मन में। माननीय, जनता भले आज भूखी है, पर हर समय मालिक होती है। अपने का बचते नहीं देख माननीय को आनन-फानन में चूल्हा जलाना ही पड़ गया। धन्य है जनता, धन्य हैं माननीय।
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लॉकडाउन और पुरानी खुन्नस
लॉकडाउन है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। सरकार की गाइड लाइन पर हर तरफ सख्ती है। यदि आपने गलती करी तो कार्रवाई के साथ ही पुरानी खुन्नस भी निकाल ली जाएगी। वर्दी वाले साहेब दोबारा मुख्य किरदार में हैं। पहली बार जब इस ओहदे पर थे तो वर्दी पर लगी दाग के कारण कप्तान ने मुख्य किरदार के दायित्व से हटा दिया था। जिसके कारण दाग लगी उसके साथ के कटू रिश्ते को वे भूल कैसे जाते! जब दोबारा मुख्य किरदार की जिम्मेदारी मिली तो वे बड़ी चालाकी से अपनी खुन्नस निकालने में सफल रहे। चूंकि कोरोना और लॉकडाउन हर लापरवाह लोगों के लिए गंभीर बीमारी और सख्त कानून है। फिर लक्ष्मण रेखा लांघने की सजा तो मिलेगी ही। घर में रहें सुरक्षित रहें का नारा को दरकिनार करके मनमर्जी करेंगे तो खुन्नस ही सही कानून के दायरे में आएंगे ही।
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जब एक्शन में आए कैप्टन
कोरोना की वैश्विक महामारी के समय में भी सदर अस्पताल रेफर जैसी अपनी भूमिका को दूर नहीं कर पाया है। क्वारंटाइन सेंटर में रखने वाले संदिग्ध को भी होम क्वारंटाइन में भेजकर अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ने में पीछे नहीं है। एक एंबुलेंस से यूपी जा रहे छह मजदूरों को सदर अस्पताल भेजा गया। वहां स्क्रीनिग के बाद अस्पताल प्रबंधन ने होम क्वारंटाइन में भेज दिया। सभी मजदूर लखीसराय थाने पहुंच गए। थानेदार ने कप्तान को स्थिति से अवगत कराया। अब कप्तान का गुस्से सातवें आसमान पर। इस गुस्से में कठोर कार्रवाई के संदेश था। यह जान अस्पताल के जिम्मेदार लोग अपने-अपने आका को फोन करने लगे। किसी तरह कैप्टन साहब का गुस्सा उतरा। यूपी के मजदूरों के लिए अस्पताल से एंबुलेंस थाने पहुंची और सभी को वहां बने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती किया गया। चर्चा है कि अस्पताल वाले भाई साहब एक दिन कोपभाजन का शिकार न हो जाए।

Posted By: Jagran
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