कोरोना वायरस से अभी तक लगभग 65 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि भारत में इसका आंकड़ा 100 के आसपास है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको अगर थोड़ी सी खांसी भी आ जाए तो उनको लगता है की यह कोरोना वायरस का लक्षण है। जो की गलत बात नहीं है। इस समय पूरे देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन आज हम आपको सामान्य फ्लू, एलर्जी और कोरोना में किस तरह आप अंतर कर सकते हैं इसके बारे में बताएंगे:
अगर गौर से देखा जाए तो अधिकांश एलर्जी और इंफ्लूएंजा मौसमी होते हैं। बसंत के मौसम में नाक बहने की शिकायत रहती है तो यह संभवतः एलर्जी ही है।
वहीं सर्दी के मौसम में आपको खांसी-जुखाम रहा है तो ये फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। लेकिन अगर मौसम थोड़ा गर्म है और आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं तो इसे सिर्फ फ्लू कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह कोरोना भी हो सकता है।
इंफ्लूएंजा अकसर गर्मी में मर जाता है हालांकि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के अधिक तापमान में खत्म होने के साक्ष्य जुटा रहे हैं। देखा जाए तो कोरोना ने अधिक तापमान और नमी वाले सिंगापुर जैसे बाहरी देशों में भी लोगों को संक्रमित किया है।
डॉक्टरों का कहना है कि आप लक्षणों के बिगड़ने पर ध्यान रखें। एलर्जी से होने वाली तकलीफ इलाज न लेने तक वैसी ही बनी रहती है। फ्लू के लक्षण सप्ताहभर में ठीक हो जाते हैं। वहीं, कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू के मुकाबले गंभीर हो जाते हैं और इससे मरने वालों का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है।
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