स्वस्थ बच्चे को जन्म देने वाली कोरोना पीड़ित मां करा रही हैं स्तनपान

एम्स में शुक्रवार को स्वस्थ बच्चे को जन्म देने वाली कोरोना पीड़ित मां उसे स्तनपान करा रही है. डॉक्टरों का बोलना है कि बच्चे को कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत कम है. इसके लिए महत्वपूर्ण एहतियात बरते जा रहे हैं, लेकिन उसे स्तनपान कराना महत्वपूर्ण है.

एम्स के पल्मनरी विभाग के प्रो। चिकित्सक विजय हड्डा का बोलना है कि बच्चे को कोरोना संक्रमण का थोड़ा जोखिम तो है, लेकिन उसके लिए स्तनपान ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने बोला कि अभी तक किसी शोध में यह सामने नहीं आया है कि कोरोना संक्रमित मां का दूध पिलाने से बच्चे को संक्रमण का खतरा है. हां, मां के सपंर्क में आने से उसे सांस या वाटर ड्रॉपलेट्स के जरिए संक्रमण का खतरा जरूर है.
बरते जा रहे एहतियात : एम्स में बच्चे को जन्म देने वाली महिला कोरोना संक्रमित जरूर है लेकिन उसे इसके लक्षण नहीं हैं. बावजूद, एहतियात के तौर पर महिला को मास्क व ग्लव्स पहनाया जाता है. हाथों की सफाई का ख्याल रखा जा रहा है ताकि वह बच्चे को छू ले तो संक्रमण का खतरा न हो.
10 डॉक्टरों की टीम लगी थी : एम्स के फिजियोलॉजी विभाग के चिकित्सक के संक्रमित होने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी व भाई को भी कोरोना संक्रमण हो गया था. शुक्रवार को एम्स के 10 डॉक्टरों ने गर्भवती पत्नी की डिलिवरी कराई. इस दौरान एम्स में भर्ती उनकी पत्नी के आइसोलेशन कक्ष को ही ऑपरेशन थिएटर बना दिया गया था.
बच्चे का नमूना जाँच के लिए भेजा
एम्स में कोरोना पीड़ित महिला से जन्मे बच्चे को वैसे एहतियात के साथ मां के पास ही छोड़ा गया है. बच्चे का शनिवार को सैंपल लेकर जाँच के लिए भेजा गया है. वैसे बच्चा व मां स्वस्थ हैं बच्चा स्तनपान कर रहा है.
बच्चों को बेहद कम खतरा
एम्स के चिकित्सक विजय हुड्डा के अनुसार, दुनियाभर में हुए शोध के मुताबिक बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बेहद कम है. अगर वे संक्रमित हो जाएं तो उन्हें गंभीर बीमारी होना का खतरा कम होता है. एक शोध में सामने आया है कि कोरोना संक्रमित महिला की गर्भनाल के जरिये यह वायरस मां के पेट में पल रहे बच्चे को होने कि सम्भावना है, लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया कि इसके ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं. जिन गर्भवती स्त्रियों के शिशु को उनसे संक्रमण हुआ है, संभव है कि यह उनके सम्पर्क में आने से हुआ है.

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