कोरोना से जंग: एकांत का रौशन गान, एक दीया देश के नाम

आज जब कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पूरे विश्व में दस लाख पार कर चुकी है, बड़े देश और बड़े शहरों में मौत का तांडव चल रहा है, दुनियाभर और निराशा के माहौल में जीने को विवश हो चुकी है, तो ऐसे समय में हमें इस नकारात्मकता पर प्रबल विजय के लिए हम सब को सकारात्मक रूप से सफल होकर इसे मात देनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वीडियो संदेश में स्पष्ट किया कि हमें खुद को अकेला नहीं समझना है। इस जंग में हर भारतीय का योगदान महत्वपूर्ण है, जो लॉकडाउन का पालन कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस महामारी को रोकने के लिए इससे पूर्व 19 मार्च को संयम और संकल्प लेने का आह्वान किया था, तो वहीं 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा हुई। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा जैसे ठोस उपायों के कारण ही हम काफी हद तक सुरक्षित हैं और देश में इसका संक्रमण स्टेज-2 में ही हैं। अन्यथा कई बड़े देश, जिन्होंने इस वायरस को छोटा और कमजोर समझा, आज इसके सामने घुटने टेकने की स्थिति में आ चुके हैं। तो आइए हम सभी पूरे उत्साह के साथ संकल्प, संयम, सकारात्मकता, सम्मान और सहयोग को मूल मंत्र बनाकर इस कोरोना रूपी अंधकार को दूर करने के लिए एक सकारात्मक दीप जलाएं और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं। इस उत्साह के आवेग में आकर हम लॉकडाउन की लक्ष्मणरेखा बिना पार किए ही पूरे जोश और उत्साह के साथ एक दिया जलाएं और नकारात्मकता को दूर भगाएं।डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें [email protected] पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।

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