नई दिल्ली
कोरोनावायरस को लेकर पूरी दुनिया वैश्विक महामारी के रूप में लड़ाई लड़ रही है। दुनिया भर में अब तक 1100000 से अधिक कोरोनावायरस के पॉजिटिव मरीजों में आ चुके हैं, जबकि 60000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में अब तक करीब 3100 लोग कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 86 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर के हिसाब से देखा जाए तो भारत में भले ही अभी मौतों की संख्या कम हो, किंतु इसके बढ़ने के पीछे कहीं ना कहीं तबलीगी जमात का बड़ा हाथ है।
दूसरी तरफ विश्व की महाशक्ति अमेरिका में 7000 से ज्यादा लोग मर चुके हैं, जबकि करीब पौने तीन लाख लोग कोरोनावायरस की चपेट में है। इटली में अब तक 14000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह से स्पेन में भी मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
जिस जगह से कोरोनावायरस की उत्पत्ति की बात कही जाती है, उस चीन (Chine) में अब नए मरीजों की संख्या काफी कम है, जबकि मौतों का आंकड़ा लगभग खत्म होने की कगार पर है। इस दौरान पूरी दुनिया की खासतौर से अमेरिका, इटली, स्पेन, जर्मनी, ईरान, इजराइल, भारत समेत चीन (Chine) के विरोधी राष्ट्र एकजुट होते जा रहे हैं।
न्यायविदो के सबसे बड़े संगठन ने आज विश्व न्यायालय में चीन (Chine) के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि कोरोनावायरस चीन (Chine) के द्वारा बनाया गया जैविक हथियार है और इसको लेकर पूरी महामारी के लिए चीन (Chine) जिम्मेदार है।
माना जा रहा है कि चीन (Chine) के खिलाफ विश्व समुदाय का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट और अन्य पड़ताल की गई खबरों के बाद दुनिया के कई देश चीन (Chine) पर गुस्सा हैं और कोरोनावायरस के जरिए खुद को महाशक्ति बनाए जाने के आरोप के चलते चीन (Chine) अलग-थलग पड़ता हुआ नजर आ रहा है।