सर्दियों में अक्सर हाथों-पैरों और उनकी उंगलियों के सुन्न पड़ने की समस्या सामने आती है। ऐसे में प्रभावित जगह पर झनझनाहट, दर्द, कमजोरी और ऐंठन के लक्षण दिखाई देते हैं। तंत्रिका में चोट, थकान, नस का दबना या फिर शरीर में विटामिन्स, मैग्नीशियम आदि की कमी के कारण से भी हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। सर्दियों में इस समस्या का प्रमुख कारण रक्त वाहिनियों का संकुचित होना है। दरअसल सर्दियों में दिल पर काफी जोर पड़ता है जिससे रक्त वाहिनियां संकुचित हो जाती हैं और शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। रक्त संचार पर असर पड़ने की वजह से शरीर के विभिन्न अंग सुन्न पड़ जाते हैं।
इस तरह से पाएं निजात-
मसाज करें - प्रभावित जगह पर रक्त संचार बढ़ाने के लिए गर्म पानी से सेंकें। इससे मांसपेशियों और नसों को काफी आराम मिलता है। अगर आपके हाथ-पैर सुन्न हो गए हैं तो हल्के हाथों से उस पर मसाज करें। या फिर जैतून, नारियल या फिर सरसो के तेल को गुनगुना कर प्रभावित अंगो पर मसाज करें। इससे रक्त संचार तो बढ़ता ही है, साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई भी बढ़ती है।
डाइट में शामिल करें विटामिन्स - हाथों-पैरों की झनझनाहट को दूर करने के लिए अपने डाइट में विटामिन बी, बी6 और बी12 शामिल करें। इसके अलावा ओटमील,दूध, पनीर, दही, मेवा आदि को भी अपने आहार का हिस्सा बनाएं।
हल्दी है फायदेमंद - हल्दी में रक्त संचार बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं। साथ ही यह सूजन और दर्द कम करने में भी लाभकारी होता है। हल्दी-दूध का सेवन करने से हाथों-पैरों की झनझनाहट दूर होती है। इसके अलावा हल्दी और पानी के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से भी यह समस्या दूर होती है।
धूम्रपान से रहें दूर - हाथ-पैर के सुन्न पड़ने की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप लंबे समय तक ठंड में रहने से बचें। अचानक अगर हाथ व पैर सुन्न हो जाते हैं तो तुरंत रगड़कर रक्त संचार बहाल करें। इसके अलावा धूम्रपान से दूरी बनाए रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पेरिफेरल आर्टरी डिसीज होता है और पैरों में रक्त का संचार ठीक तरीके से नहीं हो पाता।