अजब-गजब ।। एक नारी के लिए 30 की उम्र कई खास बदलाव लिए हुए नहीं आती। अधिकतर नारियां इस उम्र तक सेटल हो चुकी होती हैं। घर-परिवार, जॉब और बच्चे सब कुछ संभालने में वो पारंगत हो जाती हैं। लेकिन इस उम्र में ऐसी और क्या बात है कि आपको एक विशेष तरह के टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है। परेशान ना हों, हम आपको बताते हैं, ये टेस्ट कौन वाला है और इसे क्यों कराना हर महिला के लिए आवश्यक है।
जी हां पैप स्मीयर टेस्ट, याद कीजिए आपने इस टेस्ट के बारे में कहीं ना कहीं तो अवश्य पढ़ा होगा।किसी मैगजीन में या फिर किसी न्यूज पेपर में या फिर अपनी किसी सहेली से आपने इस टेस्ट के बारे में अवश्य सुना होगा। डॉक्टर 30 बरस के बाद की हर स्त्री को ये टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। दरअसल ये टेस्ट महिलाओं को भविष्य में होने वाले कैंसर के एक बड़े खतरे से बचाता है।
टेस्ट एक पीड़ाहीन प्रकिया है। इस टेस्ट में एक राउंड स्पैचुला को गर्भाशय की बाहरी परत के ऊप्र धीरे-धीरे घिसा जाता है। इसके बाद स्पेचुला पर जमा हुए सेल्स की जांच की जाती है। जाना जाता है कि इन सेल्स में कोई अबनॉर्मल सेल तो नहीं या फिर कोई नया सेल तो नहीं बन रहा है। कोशिकाओं में किसी भी तरह के बदलाव को इस टेस्ट के जरिए जाना जा सकता है। पैप स्मीयर टेस्ट यूटरस कैंसर यानी गर्भाशय के कैंसर को जांचने का सबसे सरल और अच्छा तरीका है।
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