आजकल सिगरेट पीना स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है। अब लोग खुले में सिगरेट पीते हैं और उन्हें लगता है कि ऐसा करके वो कूल दिख रहे हैं। अब तो युवा भी सिगरेट पीकर खुद को कूल दिखाते हैं जबकि कुछ लोग अपनी परेशानी को धुएं में उड़ाकर राहत महसूस करते हैं। आप चाहे जिस भी वजह से सिगरेट पीते हैं हो उसका असर तो आपकी सेहत पर पड़ता ही है।
होते है ये नुकशान:
# पेट पर असर: सिगरेट की वजह से आंतों में मौजूद अच्छे और जरूरी बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। इसके कारण पोषक तत्वों की प्रक्रिया कुछ समय के लिए थम जाती है। सिगरेट पीने से पेट में एसिड की मात्रा भी बढ़ जाती है। सिगरेट पीने वालों को इसी वजह से भूख कम लगती है।
# फेफडों में टार: शरीर में फेफडे फिल्टर का काम करते हैं। ये अपने करोड़ों छिद्रों की मदद से हर दिन करीब 20 लाख लीटर हवा को छानते हैं लेकिन सिगरेट के धुएं में मौजूद टार इसके कई छेदों को बंद कर देता है जिसकी वजह से फेफडे ठीक तरह से काम नहीं कर पाते हैं।
# धड़कन का तेज होना: इंसान का दिल एक मिनट में 72 बार धड़कता है लेकिन सिगरेट पीने पर ये धड़कन 75 बार प्रति मिनट हो जाती है। सिगरेट का कश लगाने से आपका दिल हर मिनट में तीन बार ज्यादा धड़कने लगता है। इससे आपको जल्दी थकान भी महसूस होती है।
# गले में कफ होना: सिगरेट पीने से धुआं, टार और कार्बन डाइऑक्साइड मिलकर गले में खराश उत्पन्न करते हैं। लंबी नींद लेने के दौरान शरीर इन हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है और इसी वजह से सिगरेट पीने वालों को अकसर सुबह कफ की शिकायत रहती है।
# दिमाग को लग जाती है लत: सिगरेट के हर कश के साथ खून में निकोटिन घुलता जाता है। इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। दिमाग में आनंद का अहसास कराने वाला रसायन डोपोमीन रिलीज़ होता है। सिगरेट की लत के लिए इसका रिसाव काफी हद तक जिम्मेदार है।
# साइनस की दिक्कत: एक सिगरेट का सेवन के बाद ही नाक, आंख और माथे में मौजूद खोखले साइनस में बाधा आने लगती है। नाक बंद होने लगती है और कान