कोरोना वायरस के कारण देशभर के लोग अपने घरों में बैठे हुए हैं। मगर, कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा बदल रही है। सड़के, ऑफिस, सबकुछ खाली हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि लॉकडाउन की वजह से पॉल्यूशन कितना कम हो गया है। जी हां, देशभर में लॉकडाउन का असर वातावरण पर दिखने लगा है, जिसकी वजह से वायु प्रदूषण में काफी कमी देखने को मिली है।
आवाजाही में आई कमी
दरअसल, इससे देशभर में लोगों की आवाजाही में काफी कमी आई है। कार, स्कूटर, मोटरबाइक्स के कारण वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया था, जिसका असर ना सिर्फ सेहत बल्कि पर्यावरण में भी काफी देखने को मिल रहा था। मगर, फिलहाल लोग अपने घरों में बंद है तो स्कूटर, गाड़ियां व मोटरबाइक्स का भी यूज नहीं हो रहा है। ऐसे में प्रदूषण का कम होना तो बनता है।
नाइट्रोजन ऑक्साइड में भी कमी
रिसर्च के मुताबिक, पिछले कुछ समय से 90 से अधिक शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर न्यूनतम पाया गया है। यही नहीं, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) का प्रदूषण भी काफी कम हो गया है, जो मुख्य रुप से वाहनों के चलने से होता है। बता दें कि पुणे में 43%, मुंबई में 38% और अहमदाबाद में 50% वायु प्रदूषण की कमी आई है।
शुद्ध हुई शहरों की हवा
फैक्ट्री, परिवहन के चलते आमतौर पर धुंध ही नजर आती है लेकिन लॉकडाउन की वजह से शहरों में साफ आसमान दिखाई दे रहा है।
गंगा नदी भी हो गई साफ
रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के कारण पावन गंगा नदी का जल भी फिर से निर्मल व होने लगा है। इन दिनों उसका प्रदूषण कम हो रहा है। गंगा का पानी ज्यादातर मॉनिटरिंग सेंटरों में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है।
देशभर हो गया साफ
इतना ही नहीं, लोगों के घरों में रहने की वजह से देशभर की सफाई भी हो रही है। लोग रोजाना सड़कों पर यूं ही सामान फेंक देते हैं लेकिन जब से लोग घरों में बंद है, देशभर की सड़के, नाले व नुक्कड़ भी साफ दिखाई दे रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक कचरे की डंपिंग में कमी आई है।