देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) रोकने में सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरे तबलीगी जमात के बारे में लगातार खबरें आ रही है। राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज (Markaz in Hazrat Nizamuddin) में 1 से 15 मार्च के बीच 2000 से अधिक लोग तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) में भाग लेने पहुंचे थे।
लेकिन आपके मन में भी सवाल होगा कि आखिर इस बारे में पता कैसे चला? व क्या है इसका तेलंगाना कनेक्शन? हम दे रहें हैं जानकारी जो खोलेगी इस राज से पर्दा
खुलासे का तेलंगाना कनेक्शन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों में भंयकर रूप से फैले कोरोना वायरस के बारे में व भी देर हो जाती। लेकिन सौभाग्य से तेलंगाना में कुछ इंडोनेशियाई नागरिक मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। बहुत ज्यादा गहन पूछताछ के बाद जानकारी मिली की बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के मेम्बर हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में उपस्थित हैं। लेकिन सटीक जानकारी नहीं होने की वजह से दिल्ली सरकार के स्वास्थ्यकर्मी भवन में दाखिल नहीं हो पाए। इसी बीच तेलंगाना में फिर कुछ व पॉजिटिव मुद्दे सामने आए। इन सभी पॉजिटिव लोगों का दिल्ली के मरकज से कनेक्शन था। इसी के बाद ही पुलिस की मदद से मरकज से लोगों को बाहर निकाला जा सका।
इस संस्थान ने की सरकार की मदद सूत्रों का बोलना है कि दिल्ली सरकार के ऑफिसर मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद से ही मरकज भवन में घुसने की प्रयास करते रहे। लेकिन दरवाजे पर ही यह कह कर वापस भेज दिया जाता कि यहां कोई मेम्बर नहीं है। इस बीच पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) की किरदार अहम रही। इस संस्था ने अपने सदस्यों की मदद से सभी संक्रमित लोगों के घरों में फोन कर मरकज में उपस्थित लोगों की सटीक जानकारी जुटाई। भवन में भारी संख्या में लोगों के उपस्थित होने के पुख्ता जानकारी के बाद ही पुलिस और स्वास्थ्य ऑफिसर मरकज के भीतर दाखिल हो पाए।