आजकल दौड़भाग भरी जिंदगी में लोग तनाव से ग्रसित है। हर दूसरा इंसान इस बीमारी का शिकार है। डिप्रेशन में जाने की कोई उम्र निर्धारित नहीं होती है। किशोर, युवा, प्रौढ़ उम्र की किसी भी अवस्था में यह हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी आगाह कर चुका है कि अगले साल यानी कि 2020 तक डिप्रेशन यानी कि अवसाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी बन जाएगी।
अपनाएं ये तरीके:
तनाव और डिप्रेशन से उबरने के लिए हल्दी और नींबू आपके लिए बेहद मददगार साबित होंगे। एक रिसर्च के अनुसार हल्दी अल्जाइमर और कैंसर की तरह ही डिप्रेशन के इलाज के लिए भी बेहद असरदार है।
यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व, एंटी बायोटिक और एंटीडिप्रेसेंट तत्वों से भरपूर है, जिसका फायदा डिप्रेशन में भी मिलता है।आजकल दौड़भाग भरी जिंदगी में लोग तनाव से ग्रसित है। हर दूसरा इंसान इस बीमारी का शिकार है। डिप्रेशन में जाने की कोई उम्र निर्धारित नहीं होती है। किशोर, युवा, प्रौढ़ उम्र की किसी भी अवस्था में यह हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी आगाह कर चुका है कि अगले साल यानी कि 2020 तक डिप्रेशन यानी कि अवसाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी बन जाएगी।
अपनाएं ये तरीके:
यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व, एंटी बायोटिक और एंटीडिप्रेसेंट तत्वों से भरपूर है, जिसका फायदा डिप्रेशन में भी मिलता है।