सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन कर दिया है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए लोग घरों में बंद हैं. इसे करने के पीछे सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द इस महामारी पर रोक लग सके लेकिन इसका दूसरा असर भी सामने आने लगा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं. घरों में बंद पति अपना गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन पत्नियों पर उतार रहे हैं और पत्नियों के सामने उनके बचाव का कोई रास्ता नहीं है. : Lockdown के कारण घर में रहने से लोगों के बीच बढ़ रहे हैं झगड़े! आपको बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार उन्होंने मार्च के महीने में घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिली हैं. आयोग की चेयर पर्सन रेखा शर्मा ने बताया है कि ज्यादातर शिकायतें उत्तर प्रदेश और पंजाब से मिली हैं. कई शिकायतें उन्हें निजी मेल पर भी मिली हैं. घरेलू हिंसा के मामले में महिलाओं का कहना है कि वह बाहर नहीं निकल पा रही हैं और ऐसे में घर में उनके पति उनके साथ मारपीट कर रहे हैं.जानकारी के अनुसार रेप या रेप की कोशिश के 13, सम्मान के साथ जीने के अधिकार के संबंध में 77 शिकायतें महिलाओं की ओर से मिली हैं. वहीं साइबर अपराध के 15 मामले सामने आए हैं. चेयर पर्सन ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से इस समय बहुत सी शिकायतें सामने आ रही हैं. घर में बंद महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पा रही हैं. वहीं पुलिस भी महिलाओं की मदद नहीं कर पा रही है. राष्ट्रीय महिला आयोग शिकायत करने वाली महिलाओं के सम्पर्क में हैं और उनकी मदद करने की कोशिश कर रही हैं. : लॉकडाउन के बीच इस देश का तुगलकी फरमान, कहा- 'महिलाएं ज्यादा नखरें न दिखाएं'