जब पूरी संसार कोरोना वायरस (Coronavirus) को समाप्त करने के लिए टीके बनाने में जुटी है, चाइना ने इसका भी एक शॉर्टकट तैयार कर लिया है।
चाइना ने ऐसे एंटीबॉडीज (Antibodies) तैयार किए हैं। इस वक्त ये एंटीबॉडीज ही कोरोना वायरस के सबसे सटीक व प्रभावशाली उपचार साबित हो रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि चाइना ने इसी ढंग से अपने हजारो मरीजों को अच्छा कर लिया है।
क्या है कोरोना वायरस से लड़ने का चीनी तरीका चीनी वैज्ञानिक झांग लिंकी (Zhang Linqi) के अनुसार कोरोना वायरस खून के भीतर उपस्थित सैल में प्रवेश करके ही हमला करता है। इसकी काट के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने ऐसे एंटीबॉडीज तैयार किए हैं जो वायरस को सैल के भीतर घुसने ही नहीं देते। इसकी वजह वायरस शरीर में संक्रमण फैला ही नहीं पाता व इसका उपचार सरल हो जाता है। चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 20 एंटीबॉडीज की पहचान की थी। इनमें से चार एंटीबॉडीज कोरोना के विरूद्ध शानदार कार्य कर रहे हैं।
चीन में कोरोना वायरस पर जीत का यही है राज चाइना के वुहान शहर से प्रारम्भ हुए कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी संसार में फैल चुका है। चाइना में वायरस की वजह से 82,437 लोग संक्रमित हुए थे। लेकिन चीनी सरकार इस महामारी में भी लगभग 76,566 लोगों को अच्छा करने में सफल हुई है। जबकि इस दौरान चाइना में इस जानलेवा वायस की वजह से 3,322 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
क्यों प्रभावी है कोरोना वायरस पर ये चीनी तरीका दरअसल संसार के सभी वैज्ञानिक कोरोना वायरस का जिनोम सिक्वेंस समझकर इसे समाप्त करने का टीका तैयार करने में लगी है। इसके अच्छा उलट चीनी वैज्ञानिकों ने सबसे पहले ये समझा कि आखिर ये वायरस संक्रमण कैसे करता है? चीनी शोध ही सबसे पहले पता चला था कि कोरोना वायरस शरीर के भीतर सैल में घुसकर हमला प्रारम्भ करता है। संसार के सभी वैज्ञानिक जानते हैं कि किसी टीके को तैयार करने में एक से दो वर्ष का वक्त लग सकता है। इसीलिए चीनी वैज्ञानिकों ने वायरस को सैल में घुसने से रोकने पर कार्य किया। इसमे उन्हें जबरदस्त सफलता हासिल हुई है।
और क्या कार्य आता है एंटीबॉडीज दुनियाभर में एंटीबॉडीज से बीमारियों को अच्छा करने की पद्धति बहुत पुरानी है। वैज्ञानिका व चिकित्सक कैंसर, खून की बीमारी, संक्रमण व इम्यूनिटी से जुड़ी बीमारियों में एंटीबॉडीज का ही प्रयोग करते हैं।