दुनिया में फैलते कोरोना के प्रकोप के बीच इस से जुड़े कई भ्रम भी फ़ैल रहे है। संक्रमण से मरे व्यक्ति के दाह संस्कार...
नई दिल्ली: दुनिया में फैलते कोरोना के प्रकोप के बीच इस से जुड़े कई भ्रम भी फ़ैल रहे है। संक्रमण से मरे व्यक्ति के दाह संस्कार या दफनाने से लोग कतराते नज़र आ रहे है। देश में कई राज्यों पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में अभी हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आये है। इसी डर को दूर करने के लिए WHO ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है।
क्या हैं गाइडलाइंस: 1. WHO के दिशा-निर्देशों में इस बात पर बहुत जोर दिया गया है कि COVID-19 हवा से नहीं फैलता बल्कि बारीक कणों के जरिए फैलता है। 2. मेडिकल स्टॉफ से कहा गया है कि वो COVID-19 के संक्रमण से मरे व्यक्ति के शव को वॉर्ड या आइसोलेशन रूम से WHO द्वारा बताई गई सावधानियों के साथ ही शिफ्ट करें। 3. शव को हटाते समय पीपीई का प्रयोग करें पीपीई एक तरह का 'मेडिकल सूट' है, जिसमें मेडिकल स्टाफ को बड़ा चश्मा, एन95 मास्क, दस्ताने और ऐसा एप्रन पहनने का परामर्श दिया जाता है जिसके भीतर पानी ना जा सके। 4. मरीज के शरीर में लगीं सभी ट्यूब बड़ी सावधानी से हटाई जाएं शव के किसी हिस्से में घाव हो या खून के रिसाव की आशंका हो तो उसे ढका जाए। 5. मेडिकल स्टाफ यह सुनिश्चित करे कि शव से किसी तरह का तरल पदार्थ ना रिसे। 6. शव को प्लास्टिक के लीक-प्रूफ बैग में रखा जाए उस बैग को एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट की मदद से कीटाणुरहित बनाया जाए. इसके बाद ही शव को परिवार द्वारा दी गई सफेद चादर में लपेटा जाए। 7. केवल परिवार के लोगों को ही COVID-19 के संक्रमण से मरे व्यक्ति का शव दिया जाए। 8. कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के इलाज में इस्तेमाल हुईं ट्यूब और अन्य मेडिकल उपकरण, शव को ले जाने में इस्तेमाल हुए बैग और चादरें, सभी को नष्ट करना जरूरी है। 9. मेडिकल स्टाफ को यह दिशा-निर्देश मिले हैं कि वे मृतक के परिवार को भी जरूरी जानकारियां दें और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए काम करें।
शवगृह से जुड़ी गाइडलाइंस: 1. भारत सरकार के अनुसार COVID-19 से संक्रमित शव को ऐसे चैंबर में रखा जाए, जिसका तापमान करीब 4 डिग्री सेल्सियस हो। 2. शवगृह को साफ रखा जाए और फर्श पर तरल पदार्थ ना हो। 3. COVID-19 से संक्रमित शव की एम्बामिंग पर रोक है यानी मौत के बाद शव को सुरक्षित रखने के लिए उस पर कोई लेप नहीं लगाया जा सकता है कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति की ऑटोप्सी यानी शव-परीक्षा भी बहुत जरूरी होने पर ही की जाए। 4. शवगृह से COVID-19 शव निकाले जाने के बाद सभी दरवाजे, फर्श और ट्रॉली सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ किए जाएं।