लॉकडाउन में इंटरनेट सेवा पर जबरदस्त दबाव बढ़ा है. इसके पहले कि उपकरणों में कोई गड़बड़ी आए, सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन के अनुरोध पर बड़ी कंपनियों ने 14 अप्रैल तक एचडी वीडियो क्वॉलिटी पर रोक लगा दी है.
एचडी यानी हाई डेफेनिशन की बजाए लोग एसडी यानी स्टैंडर्ड डेफेनिशन में वीडियो देख सकते हैं. जानकारों के अनुसार डेटा की खपत 22 से 23 फीसदी तक बढ़ गई है.
अचानक बढ़ी ब्रॉडबैंड कनेक्शन की मांग
घरों में बैठे लोग यू ट्यूब, कई मोबाइल ऐप पर लाइव स्ट्रीम वीडियो देख रहे हैं. इन साइटों ने वैसे एचडी प्रसारण को रोक दिया है. सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन के विकास ने बताया कि ज्यादा दबाव से उपकरणों पर प्रभाव पड़ सकता है.
व्हाट्सएप ने परिवर्तन :
व्हाट्सएप ने भी लॉकडाउन में परिवर्तन किया है. वीडियो स्टेटस 30 सेकंड की बजाए 15 सेकंड का ही रह गया है. लोगों से भी अपील है कि पहले इंटरनेट से जुड़े महत्वपूर्ण काम निपटाएं फिर वीडियो देखने में समय व्यतीत करें. आपको अच्छा नेटवर्क मिलता रहे .
प्रति आदमी खपत बढ़ गई : एक प्रमुख टेलीकॉम कंपनी के ऑफिसर ने बताया कि मौजूदा समय में ज्यादातर लोग घर से कार्य कर रहे हैं. दूसरी तरफ महिलाएं व बच्चे भी बहुत ज्यादा समय इंटरनेट को दे रहे हैं. स्कूल कॉलेज बंद हैं. प्रति आदमी डेटा की खपत बढ़ कर 15 से 16 जीबी रोजाना हो गई है. भारत संचार निगम लिमिटेड के उत्तर प्रदेश ईस्ट सर्किल में 3जी मोबाइल डेटा की रोजाना खपत 143 टीबी यानी टेराबाइट से बढ़कर 170 टीबी रोजाना हो गई है.
इंटरनेट की स्पीड भी धीमी :
मोबाइल डाटा स्पीड पर बोझ पड़ने के लिए इंटरनेट की स्पीड भी धीमी हुई है. विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अधिसंख्य लोग इस बात के लिए तैयार नहीं थे कि उनको घर से ही कार्य करना पड़ेगा. ऐसे में जब लॉकडाउन हुआ तो मोबाइल हॉटस्पॉट से लैपटॉप को जोड़ा व कार्य प्रारम्भ किया. डेस्कटॉप को ज्यादा डेटा की आवश्यकता होती है. भारत संचार निगम लिमिटेड ने 22 से 28 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश ईस्ट में 400 से अधिक ब्रॉडबैंड के नए कनेक्शन दिए हैं. इसी तरह लखनऊ में प्रतिदिन 30 से 35 नए कनेक्शन हो रहे हैं. इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत कंपनियों व लोकल ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के पास भी बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं. भारत संचार निगम लिमिटेड के प्रधान महाप्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार ब्रॉडबैंड शुरुआती प्लान में भी 10 एमबीपीएस की स्पीड मिलती है.