देशभर में कोरोना का डर फैला हुआ है। लोग हल्के लक्षणों को भी कोरोना के लक्षण समझ कर अपनी जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे में मान लीजिए कि आपको खांसी, जुकाम और तेज बुखार के लक्षण हैं लेकिन जब आप कोरोना टेस्ट कराते हैं तो टेस्ट निगेटिव आता है और ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन-से-चार बार होता है। लेकिन ऐसा क्यों?
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का डर फैला हुआ है। लोग हल्के लक्षणों को भी कोरोना के लक्षण समझ कर अपनी जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे में मान लीजिए कि आपको खांसी, जुकाम और तेज बुखार के लक्षण हैं लेकिन जब आप कोरोना टेस्ट कराते हैं तो टेस्ट निगेटिव आता है और ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन-से-चार बार होता है। लेकिन ऐसा क्यों?
इस कंडीशन को भी कोरोना में शामिल किया जाता है और इस तरह के मरीज भी कोरोना पॉजिटिव होते है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि इन मरीजों के लक्षण दिखने पर भी उनका टेस्ट कोरोना निगेटिव ही आता है। इसी विषय पर न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित येल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. हारलेन क्रुमहोल्ज ने एक लेख लिखा है। आईये जानते है कि अगर आप कोरोना नेगटिव हैं तो कैसे पॉजिटिव केस बन जाते हैं।
दुनियाभर में ऐसे है कई केस डॉ हारलेन बताते हैं कि दुनियाभर में इस तरह के कई केस हैं जिनमें कोरोना के तेज लक्षण थे, लेकिन टेस्ट निगेटिव आया। कई लोग इस स्थिति से गुजरे हैं। इतना ही नहीं, स्टेटिक्स में भी इन्हें शामिल नहीं किया जाता। यह एक ऐसी कंडीशन है जिसे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) के टेस्ट में भी नहीं पकड़ा जा सकता। हालांकि यह तकनीक यह छोटे से छोटे वायरस का पता भी लगा सकती है, लेकिन हकीकत में नतीजे कुछ और ही मिले।
यह तकनीक कोरोना वायरस को पहचानने में कई बार गलत साबित भी हो रही है। जैसा कि सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा है कि अगर आप कोरोना निगेटिव पाए जाते हैं तो शायद आप संक्रमित न हों। यहां 'शायद' शब्द का मतलब यही है कि हो सकता है कि आप संक्रमित हों, लेकिन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई।
चीन में मिले ऐसे 30% केस दुनियाभर में ऐसे कई केस हैं जो तीन-चार बार टेस्ट प्रकिया से गुजरे लेकिन फिर भी निगेटिव ही पाए गए, लेकिन जब इन लोगों की हालत बाद में और ज्यादा खराब हुई तो दोबारा टेस्ट में वे पॉजिटिव पाए गए। इस बारे में भले ही अमेरिका के पास इस तरह की टेस्ट रिपोर्ट का डेटा नहीं है। लेकिन चीन में इस पर हुई एक स्टडी में बताया गया था कि इस तरह की गलत निगेटिव टेस्ट का 30 % से ज्यादा है। यानी दूसरी जगहों पर भी इस तरह के कई और केस भी हो सकते हैं जिनका फ़िलहाल कोई डेटा नहीं है।
क्या है इस रिजल्ट के कारण इस टेस्ट के निगेटिव आने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार टेस्ट सैंपल ही सही तरीके से नहीं लिया गया होता है या ये भी हो सकता है कि व्यक्ति फ्लूड सैंपल देने में सफल न हो पाया हो क्योंकि इस प्रक्रिया को करना डॉ और व्यक्ति दोनों के लिए कठिन होता है। सामान्य तौर पर इस तकनीक में एक पट्टी को नाक के अंदर तक कई बार घुमाकर फ्लूड का सैम्पल लिया जाता है। दूसरा कारण लैब में इस्तेमाल की जा रही तकनीकों और चीजों का गलत तरीके से इस्तेमाल भी हो सकता है।
आखिर क्या है उपाय लगातार टेस्ट निगेटिव होने के बाद भी अगर आप में कोरोना वायरस के संक्रमितों जैसे लक्षण हैं तो भी यह मान लीजिए कि आपके कोरोना संक्रमित होने के पूरे चांस हैं। ऐसे में आप सावधान हो जाएं और खुद को अलग-थलग कर अपनी आदतों में लगातार हाथ धोना, चेहरे को हाथ न लगाना और व्यक्तिगत संपर्क से दूर रखने की कोशिश करें।