नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। पिछले 4 दिनों से कोरोना वायरस की मरीजों की संख्या बहुत तेजी के साथ बढ़ी है। कोरोना वायरस को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए 21 दिनों का लॉकडाउन भी उतना सफल नहीं हो पा रहा है। देश में सोशल डिस्टेंसिंग का दिशा निर्देशों का पालन जागरूकता के अभाव में उतना कारगर नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार धीरे-धीरे जो तैयारी कर रही है उससे लग रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए सेना की मदद भी ली जा सकती है। दूसरी ओर भारतीय सेना ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना के 8,500 डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ नागरिक प्रशासन के मदद के लिए तैयार है, इतना ही नहीं सेना के अस्पताल में 9,000 से अधिक बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्ध हैं। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना की मदद लेने के लिए कहा है। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र सबसे अधिक कोरोना संक्रमित से पीड़ित है। गुरुवार को हमारे देश में पुराना से 65 मौत और 2,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को किया अलर्ट
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सेना के तीनों अध्यक्षों से बात की और तैयारियों का जायजा लिया है। बैठक में सभी संगठनों से सिविलियन अथॉरिटी को मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहने को कहा है।
बैठक में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह और वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदोरिया और डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी मौजूद थे। सीडीएस जनरल विपिन रावत ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए अलग से अस्पतालों की पहचान की गई है जिसमें नौ हजार के करीब बेड खासतौर से कोरोना पीड़ितों के लिए होंगे।
सेना के डॉक्टर भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए करेंगे मदद
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने बताया कि करीब 8,500 आर्मी के डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ कोरोना से लड़ने के लिए नागरिक प्रशासन के मदद के लिए तैयार हैं। वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वायुसेना के विमान लगातार मेडिकल साजोसमान देश के अलग-अलग कोने तक पहुंचा रहे हैं। अब तक करीब 25 टन मेडिकल सप्लाई को अलग अलग इलाकों में पहुंचाया गया है।
लैब में रोजाना 20,000 पीपीई किट बनाने की तैयारी की जा रही है और वेटेलिंटर को इस तरह मोडिफाई किया गया है कि एक मशीन से एक ही वक्त में चार मरीजों को सपोर्ट दे सकता है। डीआरडीओ के साथ आर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड भी सेनेटाइजर, फेस मास्क और पीपीई बनाने में जुट गई है। इतना ही नही 25,000 एनसीसी कैडेट को भी नागरिक प्रशासन के मदद के लिए तैयार रहने को कहा गया है, रक्षा मंत्रालय कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए हर तरीके से तैयारी में जुटा है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार