आज धूम्रपान हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। इसने हमारे समाज को बीमार बना दिया है। इससे होने वाले रोगों में फेफड़ों का कैंसर और दमा मुख्य हैं। पान में और खैनी के रूप में तंबाकू का सेवन करने वालों को तो गले और मुंह के कैंसर होने की प्रबल संभावना रहती है।
# मन में दृढ़ निश्चय करके कोई एक दिन निश्चित कर लें कि फलां दिन से सिगरेट बीड़ी नहीं पिएंगे। - इस बात की सूचना अपने यार-दोस्त और घर-परिवार वालों को भी दे दें।
# उस दुकान की तरफ जहां से सिगरेट खरीदते हों, तब तक न जायें जब तक वह छूट न जाये। इस दौरान हल्का एवं सुपाच्य भोजन भूख से कुछ कम ही लें। पानी खूब पिएं और बार-बार पिएं।
# गर्मी में दिन में दो बार स्नान भी कर सकते हैं। सिगरेट पीने की जरूरत महसूस होने पर ठंडे पानी से मुंह धोकर लौंग, इलायची कुछ खाकर किताबें आदि पढऩे में व्यस्त हो जाएं।
# यह कभी न सोचें कि अच्छा एक बार पी लें, फिर नहीं पियेंगे। जितने पैसे आप सिगरेट में खर्च करते थे, उतने पैसे रोज अलग एक जगह रखते जायें जिसकी जानकारी घर के सदस्यों को भी दें।
# इन पैसों से आप बीच-बीच में अपने मां-बाप या बीवी-बच्चों के लिए कोई सामान खरीद कर ले आया करें। इससे आप को आत्मसंतुष्टि मिलेगी और परिवार भी खुशहाल बनेगा।
# सिगरेट पीने से खर्च होने वाला समय कुछ लिखने-पढऩे परिवार के साथ दो प्यार की बातें करके या एक किचन गार्डन बनाने में बिताएं।
# इस तरह तब तक करते रहें जब तक पूर्ण रूप से वह आदत छूट न जाए। इस प्रकार ऊपर की बातों को अपने जीवन में उतारकर आप भी रमेश की तरह एक निखरे 'अप टू डेट' इंसान बन सकते हैं।