पुदीना का सेवन कितना फायदेमंद है गर्भावस्था के लिए जानिए

प्रेगनेंसी हर किसी के जीवन में बहुत सी खुशिया और उमंग भर देती है और इसके साथ ही बहुत सी सावधानियां और चिंता भी हमारे मन में ले आती है। प्रेगनेंसी के दौरान आने वाले बदलावों में एक बदलाव आपको लाना होता है आपके भोजन में। इस समय में यह सोचना जरुरी हो जाता है के जो भी हम खा रहे है वह हमारे लिए हैल्थी है या नहीं। प्रेगनेंसी में कुछ भी खाने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जानना जरुरी होता है।

मिन्ट यानी की पुदीना हमारे घरो में रोजाना इस्तमाल होता ही है। लेकिन क्या आप जानते है के गर्भावस्था में इसके इस्तेमाल के बहुत से फायदे होते है। इसमें बहुत से औषधीय गुण होते है जिसे हम लोग सदियों से अपने इस्तेमाल में ला रहे है। आइये जानते है गर्भावस्था में पुदीना इस्तेमाल करने के क्या क्या फायदे होते है।
साँसो की ताजगी
गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस होना बहुत ही आम होता है। इसी मॉर्निंग सिकनेस के कारण हमारे मुँह का टेस्ट बहुत बिगड़ जाता है और हमारी साँसो से भी दुर्गंध आने लगती है। कुछ महिलाओं को तो पुरे नो महीने ही मिचली और उलटी की समस्या रहती है। रोजाना पुदीने की कुछ पत्तियों को चबाने से मुँह का टेस्ट भी सही हो जाता है और साथ ही साँसों की दुर्गन्ध से भी छुटहोते है कारा मिलता है।
उलटी में राहत
जी घबराना, उलटी होना, मिचली आदि गर्भावस्था की बहुत सामान्य परेशानियाँ होती है। पुदीना खाने से इसमें राहत मिलती है, जब भी आपको घबराहट हो आप कुछ पुदीने की पत्तियों को चबा लें, आपकी घबराहट शांत हो जायेगी। पुदीने को आप चटनी में डालकर भी इस्तेमाल कर सकते है। अगर आप पत्तियों को चबाना भी नहीं चाहते तो सुबह के समय एक या दो पत्तियां अपने मुँह में रख लेने से भी आपको आराम मिलेगा।
पाचन क्रिया
प्रेगनेंसी के दौरान आपको खाना पचाने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुदीने के सेवन से आपको इन परेशानियों को झेलना नहीं पड़ेगा। यह आपके पेट को ठंडा रख आपकी पाचन क्रिया को अच्छे से चलाएगा।
ठंडी तासीर
गर्भावस्था के दौरान बहुत से हार्मोनल बदलावों से गुजरना पड़ता है जिस कारण अलग अलग चीजे खाने का मन भी करता है। भोजन की तरह तरह की वैरायटी का सेवन करने से गर्भवती महिला की बॉडी का टेम्परेचर बढ़ भी सकता है। पुदीना में ठन्डे करने के गुण होते है इसके सेवन से गर्भवती महिला के शरीर का तापमान कण्ट्रोल रहता है। गर्मियों में भी यह बॉडी को ठंडा रखने के काम आता है।
कोल्ड
आपने अक्सर देखा होगा के ज्यादातर वैपो-रब और इन्हेलर्स पुदीने के फ्लेवर में मिलते है। इसका एक कारण है के पुदीना चेस्ट इन्फेक्शन, नोज, थ्रोट और लंग्स का इन्फेक्शन भी साफ़ करता है। इसके अतिरिक्त एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों के कारण यह क्रोनिक खांसी को भी ठीक करता है। मौसम बदलने से गर्भावस्था में बहुत जल्द ही खांसी, जुकाम आदि हो जाता है। इस समय में ज्यादा दवाइयों का सेवन ना करते हुए पुदीना का इस्तेमाल बेहतर रहता है।

अन्य समाचार