लखनऊ. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने निम्नलिखित प्रेस विज्ञप्ति जारी की. लॉक डाउन के कारण दूध और सब्जी उत्पादक किसानों के उत्पाद विक्रय ना होने से उनकी आर्थिक स्थिति पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है. सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी कुछ बढ़ाई गई है किंतु इस समय उन्हें काम मिलना मुश्किल है. खेत मजदूरों की भी यही स्थिति है. कारखाना मजदूरों और असंगठित मजदूरों के साथ ही आम जनता अनेकों तरह की मुश्किलों से गुजर रही है. माकपा राज्य सचिव मंडल ने सरकार से मांग की है कि किसानों के दूध और सब्जी की खरीद की व्यवस्था सरकार करें और समुचित मूल्य पर आम जनता को मुहैया कराए. ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों, बंटाईदारो सहित को तत्काल मुआवजे की भुगतान की जाए. गन्ना किसानों के संपूर्ण बकाए का भुगतान किया जाए. गेहूं की खरीद की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. मनरेगा मजदूरों के पिछले बकाए का तुरंत भुगतान किया जाए. लॉकडाउन की अवधि तक रू0 300 प्रतिदिन के हिसाब से सभी जॉब कार्ड धारकों और खेत मजदूरों के खाते में पैसा डाला जाए. किसानों, खेत मजदूरों, असंगठित मजदूरों तथा गरीबों के बिजली, पानी बिल तथा गृहटैक्स की वसूली रोकी जाए और उनके बकाए माफ किया जाए. छात्रों की बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाए. कोरोना महामारी और उससे उत्पन्न परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए प्रत्येक जिले में सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, चुने हुए जनप्रतिनिधियों (ग्राम प्रधान पार्षद, विधायक, सांसद सहित) जिलाधिकारी के साथ, जिला स्तरीय समन्वय समितियां बनाई जाए.