देश और दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 7.24 लाख से ज्यादा हो गई है, जबकि इससे हुई मौतों का आंकड़ा 34 हजार पार कर चुका है। भारत में भी हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण और मौतों के आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ शुरू से बताते आ रहे हैं कि कमजोर इम्यून सिस्टम यानी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती चली जाती है और इसलिए उनको कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है। बुजुर्गों को सर्वाधिक खतरा होने को लेकर कोरोना से बचाव के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है।
मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए स्वास्थ्य परामर्श में बताया गया है कि इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिये बुजुर्गों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उम्रदराज लोगों को संक्रमण से बचाव के सभी संभव उपाय अपनाते हुये घर पर ही नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी गई है। साथ ही घर पर रहते हुये भी संक्रमण का खतरा कम करने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर साबुन से हाथ और चेहरा धोते रहना चाहिए।
घर से बाहर नहीं निकलने के परामर्श का सख्ती से पालन करते हुये बुजुर्गों को बाहर से आने वाले लागों से नहीं मिलने को कहा गया है। अगर आगंतुकों से मिलना बहुत जरूरी हो तो कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर मिलना सुरक्षित होगा। बुजुर्गों को घर में बना ताजा पोषण युक्त आहार लेना चाहिए। उन्हें गर्म खाना खाने, बार बार पानी पीने और नियमित तौर पर ताजे फलों का रस पीने की सलाह दी गई है।
उम्रदराज लोगों से पहले से चल रही दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। मोतियाबिंद, घुटना प्रत्यारोपण जैसी शल्य चिकित्सा को फिलहाल टालने का परामर्श दिया गया है।
बुजुर्गों को सर्दी-जुकाम, खांसी या बुखार से पीड़ित लोगों के पास नहीं जाना चाहिए। बुजुर्गों को बुखार, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ की समस्या होने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सा सेवा से संपर्क करना चाहिए।
दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक सामने आए मौत के मामलों में उम्रदराज लोगों की काफी अधिक संख्या को देखते हुए बुजुर्गों के लिए ये परामर्श जारी किए गए हैं। संक्रमण का दायरा बढ़ने के मद्देनजर मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि बुजुर्गों में उम्र की अधिकता के कारण शरीर की रोग रोगप्रतिरोधक क्षमता तुलनात्मक रूप से कम होने की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।