नई दिल्ली। चीन (Chine) के वुहान शहर में शुरू हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चीन (Chine) तरह तरह के दावे कर रहा है। अब सामने आया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की 'जीरो पेशेंट' यानी पहली मरीज 57 साल की झींगा बेचने वाली वी गुशियाना थी। वह चीन (Chine) के हन्नान शहर में झींगे बेचकर काम चलाती है, लेकिन उसको जब जुकाम हुआ तो उसने 10 दिसंबर 2019 को इंजेक्शन लगवाया।
इसके बाद भी जब उसको जुकाम ठीक नहीं हुआ और कमजोरी आने लगी हो तो फिर 16 दिसंबर को बड़े अस्पताल में फिर से एक इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उसकी जांच के लिए सवाग लिया गया और उसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद 20वें दिन इलाज शुरू हो गया। एक माह के इलाज के बाद अब वह ठीक हो गई है।
लेकिन इस दौरान वह कईयों को इस रोगी से पीड़ित कर चुकी थी। बताया गया है कि इस दौरान झींगे बेचने के दौरान वह हजारों देश-विदेशी लोगों के संपर्क में आई और रोग बांटती रही। इनमें इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों के नागरिक भी थे, जो घूमने निकले थे।
बता दें कि चीन (Chine) में झींगे समेत कई दुर्लभ जीवों का करीब 30 अरब का कारोबार हर साल किया जाता है। इस धंधे में करीब 1.50 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। इसमें कालाबाजारी भी बड़े पैमाने पर होती है। दुर्लभ जीवों के कारण दुनिया में कई बार संक्रमण हुए हैं।
हालांकि, दुनिया अब भी इसको मानने को तैयार नहीं कि चीन (Chine) ने जैविक हथियार नहीं बनाया होगा। अधिसंख्य लोगों का चीन (Chine) पर भरोसा नहीं है। और लोग मानते हैं कि कोविड-19 चीन (Chine) का बनाया हुआ जैविक हथियार ही है।
बहराहल, चीन (Chine) इससे इनकार कर रहा है और अमेरिका समेत कई देश अभी भी चीन (Chine) पर जैविक हथियार बनाने और फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। अमेरिका ने बकायदा इस वायरस को चाइनीज वायरस कहा है।