जबलपुर व भोपाल से जिले में पहुंचे पैदल मजदूर

बीजपुर (सोनभद्र) : महामारी कोरोना वायरस से डरे सहमें मजदूर बड़ी संख्या में अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश की सीमा पर लगभग 50 मजदूर अपने परिवार के साथ पहुंचे. ये पैदल भोपाल, जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों से चलकर बभनी, म्योरपुर के गांवों की ओर जा रहे थे. सीमा पर मौजूद पुलिस ने सबको रोक दिया. प्रभारी निरीक्षक श्याम बहादुर यादव को दी. एसओ द्वारा सभी मजदूरों के हाथों को साबुन से धुलवाकर भोजन की व्यवस्था कराई गई. सभी मजदूरों को उनके घरों तक भेजने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था की गई.

बभनी निवासी मजदूर रामकृत ने कहा कि भोपाल में काम कर रहे थे. काम बंद हो जाने से उनके पास रहने व भोजन की परेशानी हो रही थी. घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलने पर वे सपरिवार पैदल ही चल चल दिए. चार दिन बाद यहां पहुंचे हैं. म्योरपुर निवासी श्यामबिहारी ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ भोपाल में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया और खाने व रहने की दिक्कत होने लगी. इसके कारण वे लोग पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े. एसओ ने कहा कि साधन न मिलने की वजह से मजदूर पैदल ही आ रहे हैं. सीमा पर मजदूरों का सैनिटाइजर कर व भोजन कराने के बाद साधन की व्यवस्था कर उनके घरों को रवाना किया जा रहा है.
प्रयागराज से पहुंचे गांव
शाहगंज (सोनभद्र) मझिगवां झारखंड के रहने वाले देवांश यादव, मनोज, कामदेव, नंदू शाह, अनुज, अमर, किशुन देव चौधरी, रघु चौधरी, विपिन चौधरी, सत्येंद्र चौधरी इलाहाबाद से शाहगंज कस्बे पहुंचे. इस दौरान थाना अध्यक्ष भुवनेश्वर पांडेय क्षेत्रीय नेकपाल अनूप श्रीवास्तव ने इन मजदूरों को चाय नाश्ते वगैरह कराया. सूचना मिलने पर एसडीएम घोरावल प्रकाश चंद्र भी पहुंच गए और सभी मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल भेज दिया और वहीं पर इनके रहने और खाने की भी व्यवस्था कराई. सूचना मिलने पर घोरावल एसडीएम प्रकाश चंद भी कस्बे में पहुंच गए और इलाहाबाद से आ रहे इन मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल में भेज दिया. इन मजदूरों को अभी अपने घर तक पहुंचने के लिए दो सौ किलोमीटर की यात्रा और तय करनी होगी.
चौथे दिन शाहगंज पहुंचे हैं अगर आगे भी पैदल यात्रा करनी पड़ी तो चार से पांच दिन और लगेंगे. प्रशासनिक सहयोग ना मिलने की वजह से हम लोग भी चलते चलते थक चुके हैं. लेकिन घर पहुंचना है इसलिए हम लोग चलते रहे. शाहगंज में प्रशासन ने यहां चाय पानी का इंतजाम किया और पूरा सहयोग भी किया. और घर छुड़वाने का आश्वासन भी दिया.

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