डायजेस्टिव सिस्टम की कुछ अद्भुत व विचित्र बातें जिसे जानकर हैरान होंगे आप

शरीर के मेटाबोलिज्म सिस्टम को अच्छी तरह कार्य करने में सहायक होता है हमारा डायजेस्टिव सिस्टम इसलिए इसे हमारे शरीर का पॉवर हाउस बोला जाता है. यहीं से हमारे सारे शरीर को कार्य करने, चलने फिरने यहां तक कि सांस लेने के लिए भी ऊर्जा मिलती है. लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे

- हमारे पेट में डायजेशन यानी खाने को पचाने का सबसे अधिक कार्य छोटी आंत में होता है. जो कि पूरी डायजेस्टिव सिस्टम का दो तिहाई भाग है. छोटी आंत ही शरीर का वह अंग है, जहां सबसे अधिक न्यूट्रिऐंट्स यानी पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है. ताकि शरीर स्वास्थ्य वर्धक रहे.
- हमारे पेट में 50 मिलीलीटर से लेकर 4 हजार मिलीलीटर तक पानी या दूसरा लिक्विड स्टोर करने की क्षमता होती है. लेकिन आमतौर पर लोग 1 हजार से डेढ़ हजार मिलीलीटर लिक्विड कंज्यूम करने के बाद ही संतुष्टि महसूस करते हैं व इससे ज्यादा नहीं पीना चाहते. क्योंकि इतनी मात्रा तक फुल हो जाने के बाद हमारे ब्रेन के थैलेमस से पेट को सिग्नल मिलता है कि बस अब व नहीं लेना है.
-सलाइवा यानी लार प्रड्यूस करने के मुद्दे में हमारा डायजेस्टिव सिस्टम बहुत दंग करता है. हमारी अंदर हर रोज करीब 1 लीटर लार बनती है. आखिर लार ही पाचन क्रिया की पहली सीढ़ी है. यह खाने के डायजेस्ट करने में मदद करती है. इसी की मदद से हम खाना चबा पाते हैं व इस खाने को पचाने में आंतों को सरलता होती है.
- हमारा डायजेशन दो तरह का होता हैपहला मैकेनिकल व दूसरा केमिकल. मैकेनिकल डायजेशन प्रारम्भ होता है, जब हम किसी फूड को हाथ से या दांतों से छोटे पीस में तोड़कर उसे चबाते हैं व केमिकल प्रॉसेस प्रारम्भ होता है, जब हमारे पेट में जाकर वे दांतों द्वारा चबाई गई बाइट्स एंजाइम्स द्वारा छोटे-छोटे मॉलेक्यूल्स में बदलती हैं व इनसे हमारा शरीर एनर्जी जनरेट करता है.

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