महामारी से बचने के लिए पहले के लोग कोई न कोई टोटका किया करते थे। इसका कारण था मेडिकल साइंस का असहाय होना। कोरोना वायरस के मामले में भी यही देखा जा रहा है। मेडिकल साइंस को असहाय देख टोटकाबाजों की चल पड़ी है। सोशल साइट्स पर मैसेज वायरल कर तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने ऐसे मैसेज वायरल करने वालों के खिलाफ चेतावनी जारी की है।
अफवाह 1: प्रलय से बचने को लगाएं हल्दी दुनिया में प्रलय होने वाला है। अभी फैले कोरोना जैसी वैश्विक महामारी उसी का एक उदाहरण है। इससे बचना है तो सभी लोग अपने-अपने दोनों पैरों में हल्दी लगा लें। यह सुनने में आपको अजीब जरूर लगा होगा। लेकिन बिहार के कई शहरों से इस तरह की बातें सामने आ रही हैं और लोग पैर में हल्दी भी लगा रहे हैं। शुक्रवार से यह बातें आग की तरह फैल रही हैं। शनिवार की सुबह भागलपुर, सहरसा से पटना में रह रहे अपने-अपने परिजनों को इस तरह की बातें बताईं। जिसके बाद यहां के लोगों ने भी पैर में हल्दी लगाई।
अफवाह 2 : घरों के बाहर जलाएं दीपक पांच दिन अफवाह फैली की प्रलय से बचने के लिए घर के बाहर दीपक जलाएं। इसके बाद राजधानी के ज्यादातर इलाकों में दीपक भी जलाए गए। इसके अलावा हाथ के पंजे में हल्दी का छापा मारा। उसपर सिंदूर भी लगाए। घर में जितने पुरुष हैं, उतने दीपक जलाए।
अफवाह 3 : बाल को गंगाजल में धोकर पीएं कोरोना वायरस से बचने के लिए नवरात्र पर एक खबर वायरल हो रही है जिसे धड़ल्ले से सोशल साइट पर शेयर किया जा रहा है। दुर्गा सप्तशती में मां दुर्गा के बाल और पलक के बाल मिलने की लोग फोटो खींचकर फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर कर रहे हैं। इतना ही नहीं आस्था के नाम पर खिलवाड़ करने वाले लोग इस बाल के मिल जाने पर इसे गंगाजल से धो कर जल को पीने का वीडियो भी अपलोड कर रहे हैं। इतना ही नहीं फोन से अपने मित्रों और रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं। साथ ही माता के बाल मिलने पर इसे गंगाजल में डुबोकर पानी पीने को कहा जा रहा है जिसे लोग कर भी रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक से बातचीत : डर के माहौल में ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं। इससे बचना चाहिए। खुराफाती लोग आस्था और भगवान के नाम पर खिलवाड़ कर रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए साफ सफाई रखने को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा करना हानिकारक भी हो सकता है। - डॉ. बिन्दा सिंह, मनोवैज्ञानिक