सहरसा। शराब बंदी के बाद वैकल्पिक नशा के रूप में कोडिन युक्त कफ सिरप का उपयोग क्षेत्र में बढ़ने लगा है। जिससे सिरप के कारोबारियों को खासी कमाई हो रही है। लेकिन प्रशासन इसे रोकने में अबतक नाकाम साबित हो रही है। कारू खिरहर मंदिर से सटे कोसी का किनारा हो अथवा प्रखंड परिसर के पीेछे कफ सिरप के खाली बोतल यूं ही दिख जाते है। इसकी आपूर्ति कहां से हो रही है इसपर रोक नहीं लग रहा है। जानकारी के अनुसार कोसी बांध पर कई दुकानों में यह सिरप बेचा जा रहा है।
Posted By: Jagran
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