संसू., कुआड़ी(अररिया): भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के कुआड़ी पंचायत के अंतर्गत प्रस्तावित मोतीलाल अतिथि सदन के प्रांगण में मंगलवार के अपराहन से दो दिवसीय संतमत सत्संग शुरू हुआ । महर्षि मेंही दास संतमत सत्संग के इस आयोजन में कुर्साकाटा व सिकटी समेत पड़ोसी देश नेपाल से भी सैकड़ों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। इस मौके पर कुप्पाघाट भागलपुर के स्वर्गीय मेंही दास परमहंस महाराज जी के परम शिष्य प्रमुख विभूति बाबा मुख्य रूप से मौजूद है। विभूति बाबा के अलावे महर्षि मेंही दास के शिष्य गणेश पोद्दार समेत कई जानकार श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन कर रहे हैं। अपने प्रवचन में विभूति बाबा ने कहा कि अध्यात्म से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। मानव शरीर नश्वर है। इसे आध्यात्मिक कार्यो में लगाएं । उन्होंने कहा कि मानव शरीर देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। अत: इसे सत्य कामों में ही लगाएं ।
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नशा , हिसा,व्यभिचार, झूठ, छल प्रपंच से इसे बचाना चाहिए। 84 लाख योनि में भटकने के बाद मनुष्य तन की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे व्यर्थ ना जाने दें। विभूति बाबा ने जीवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जीवन जीने की कला को भी बारीकी से समझाया और अपने प्रवचन में कर्म की प्रधानता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव को अपने कर्म पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम जैसा कर्म करेंगे वैसे ही फल की प्राप्ति होगी। ज्ञानी व सत्संग प्रेमी भानु प्रताप गुप्ता, गणेश पोद्दार जी तथा प्रमोद शाह ने भी सत्संग की महत्ता अध्यात्म से मोक्ष की प्राप्ति तथा मानव शरीर पर विस्तृत रूप से श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन देते हुए गुरु के बताए रास्ते पर चलने की सलाह दी। मंच का संचालन ज्ञानी समाजसेवी व सत्संग प्रेमी भानु प्रताप गुप्ता स्वयं करते दिखे। सत्संग में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को किसी तरह का कष्ट ना हो इसके लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
Posted By: Jagran
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