50 हजार से अधिक आबादी के लिए सार्वजनिक शौचालय का इंतजार

पश्चिम चंपारण। सरकार की ओर से स्वच्छता अभियान चला है। गांव से लेकर शहर तक शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। शहर के 25 वार्डों में 50 हजार से अधिक की आबादी के लिए सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं है। यहां शौचालयों की जगह पर दुकानें खुल गईं हैं। शहरी लोगों के अलावा प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का यहां पहुंचना होता है। जाहिर है कि इतनी बड़ी भीड़ में से लोगों को शौचालय की जरूरत भी पड़ती है। ऐसे समय पर जरुरतमंदों को भटकना पड़ता है। शौचालय की तलाश में दुकानदारों से पूछते हुए उन्हें शहर से बाहर निकलना पड़ता है। चाहे कितनी भी आवश्यक कार्य से क्यों नहीं हो? ऐसी परिस्थिति का सर्वाधिक खामियाजा महिलाओं और बच्चों को उठानी पड़ती है। बता दें कि करीब दो दशक पूर्व हरदिया चौक, अस्पताल समीप, शिवगंज चौक और पोखरा चौक पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इनमें हरदिया चौक का शौचालय ध्वस्त होकर उसकी जगह दुकानें खुल गई हैं। पोखरा चौक और अस्पताल समीप के शौचालयों की हालत ठीक नहीं। उन जर्जर शौचालयों में और आसपास फैली गंदगी लोगों को शर्मसार करती है। शिवगंज चौक वाले शौचालय को तोड़कर बनाने की पहल शुरू हुई, लेकिन विवाद की वजह कई वर्षों से वह भी अधूरा है।

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---------------------------------------------वर्षों बाद शौचालय का निर्माण अधूरा
नगर के शिवगंज चौक शौचालय उपेक्षा का शिकार है। लगभग पांच से साल बीत गए। पहले नगर परिषद से निविदा हुई। इसके बाद संवेदक ने पुराने और जर्जर हो चुके शौचालय को तोड़कर निर्माण का कार्य शुरू किया गया। लेकिन वह भी करीब डेढ़ दो वर्ष से अर्धनिर्मित अवस्था में पड़ा हुआ है। जबकि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी स्थल पर पहुंच कर जांच भी कर चुके हैं । जांच कर संवेदक को कार्य प्रारंभ करने का भी आदेश दिया। फिर भी शौचालय नहीं बन सका। लगभग 15 लाख इसपर खर्च करना था। लेकिन लिटर तक कार्य किया गया है।
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टेंडर के बाद भी सामुदायिक शौचालय अधर में
शिक्षा अभियान के तहत शहरी क्षेत्र सामुदायिक शौचालयों के लिए दो वार्डों में स्थल चयनित किया गया था। वार्ड संख्या 4 और 10 में बारह बारह सीटों वाले दो मंजिल शौचालय बनाने की योजना है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो गई। लेकिन अतिक्रमण के कारण यह मामला आज भी अधर में फंसा हुआ है।
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कोट
शिवगंज चौक पर शौचालय निर्माण नहीं करने के मामले में संवेदक को नोटिस दिया गया है। अगर काम पूरा नहीं करते हैं तो उनकी निविदा रद कर दी जाएगी।
विनय रंजन
सिटी मैनेजर

Posted By: Jagran
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