पूर्णिया। केनगर प्रखंड की बिठनौली पूरब पंचायत के किशनपुर व चतरा आदिवासी टोला वार्ड संख्या दो के ग्रामीणों ने स्कूल पूर्व शिक्षा से वंचित गाव के दर्जनों अनुसूचित जन जाति बच्चों की पढ़ाई की माग को लेकर किशनपुर गाव में हंगामा मचाया। ग्रामीण प्रधान मरांडी, मोढ़ा मुर्मू, मराग टुडू, लक्खी बेसरा, दाउद मराडी, बबलू टुडू, शाति मुर्मू, सुनीता हेम्ब्रम, होपन मरांडी, शकर बेसरा आदि ने बताया कि 2012 में किशनपुर आदिवासी टोला में सेविका शाति हेम्ब्रम और सहायिका मीना टुडू की बहाली की गई। इसके बाद टोला के बच्चों को आगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाया जाने लगा। 2013 में सेविका और सहायिका को गाव से सात किलोमीटर दूर पंचायत के ही वार्ड संख्या पाच अल्पसंख्यक गाव इस्लामपुर के आगनबाड़ी केंद्र संख्या 182 में स्थानांतरित कर दिया गया। तब से यहां के बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा से वंचित हैं।
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बताया जाता है कि विशेष रूप से वंचित वर्ग के तीन से छह वर्ष के कुपोषित, अतिकुपोषित तथा सामान्य बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने और स्कूल पूर्व शिक्षा दिए जाने के उद्देश्य से आगनबाड़ी केंद्र की स्थापना की गई थी। जिसका बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सेविका शाति हेम्ब्रम ने बताया कि उसकी बहाली एसटी वर्ग की आरक्षित रिक्ति के आधार पर किशनपुर आदिवासी टोला के नाम से हुई है। सेविका ने बताया कि उसने तत्कालीन सीडीपीओ नीता साहा को आवेदन देकर किशनपुर आदिवासी टोला भेजने की माग की थी किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से किशनपुर और चतरा आदिवासी टोला में ही केंद्र संचालित करने की माग की है।
Posted By: Jagran
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