सहरसा। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि विभाग ने कस्टम हायरिग योजना प्रारंभ किया। इस योजना के तहत लघु सीमांत किसान, बटाईदार एवं अन्य कृषकों को सिगल विडों के माध्यम से कृषि यंत्र का निर्माण किया जाता है। इस कृषि यंत्र बैंक से किसानों को मामूली भाड़े पर कृषि यंत्र उपलब्ध होगा। इससे कृषि क्षेत्र में उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। किसानों के साथ क्षेत्र में भी आर्थिक समृद्धि आएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने तैयारी प्रारंभ कर दिया है।
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40 लाख तक के यंत्र से स्थापित होगा बैंक
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कस्टम हायरिग योजना के तहत दस लाख, 25 लाख और 40 लाख रूपए तक के कृषि यंत्र बैंक का निर्माण का प्रावधान है। दस लाख के लागतवाले कृषि बैंक की स्थापना हेतु 80 प्रतिशत, ट्रैक्टर पर अधिकतम 40 प्रतिशत का अनुदान अनुमान्य है, जबकि 25 लाख एवं 40 लाख के कृषि यंत्र बैंक पर अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान निर्धारित है।
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समूह या निजी स्तर पर भी लिया जा सकता है योजना का लाभ
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इस योजना के तहत जीविका के ग्राम संगठन, सीएलएफ, एफआईजी, एसएचजी, पैक्स, व्यापार मंडल, प्रगतिशील किसान और उद्यमी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। समूह के माध्यम से कृषि यंत्र बैंक के निर्माण पर 80 प्रतिशत तथा निजी स्तर से कृषि यंत्र की स्थापना हेतु किसानों को 40 फीसद अनुदान दिया जाएगा। इस यंत्र का छोटे- छोटे किसान और बटाईदार भी मामूली भाड़ा पर अपने खेतों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए उपयोग कर सकेंगे।
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कस्टम हायरिग योजना कोसी क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। इन योजनाओं पर 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है। इससे किसान काफी कम लागत पर अधिकाधिक यंत्र खरीद पाएंगे। इससे कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी।
दिनेश प्रसाद सिंह
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।
Posted By: Jagran
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