संवाद सहयोगी, लखीसराय : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुरुवार को सदर अस्पताल सहित जिले के सभी अस्पतालों में शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। सदर अस्पताल में 106 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। इस दौरान गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर, एचआइवी आदि की जांच की गई। जांच के क्रम में 15 हाई रिस्क गर्भवती महिला चिह्नित हुई है। इसमें एक गर्भवती महिला हेपेटाइटिस बी एवं एक गर्भवती महिला उच्च रक्तचाप की मरीज पाई गई। जबकि 13 गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई। इस दौरान 45 गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड होना था परंतु डा. कुमार अमित के अवकाश में रहने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। सदर अस्पताल प्रशासन ने संबंधित गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए शनिवार को सदर अस्पताल आने को कहा गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत दो महिला चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई थी। इसमें से एकमात्र डा. संगीता राय ही ड्यूटी पर पहुंची। डा. ज्योत्सना बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब रही। इस अवसर पर गर्भवतियों की काउंसिलिग करके गर्भावस्था के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में जानकारी दी गई। प्रसव के बाद परिवार कल्याण के तरीके के बारे में भी जानकारी दी गई। हाई रिस्क कैटेगरी, हीमोग्लोबिन की कमी एवं उच्च रक्तचाप वाली गर्भवती महिलाओं की महिला चिकित्सक संगीता राय ने जांच कर इलाज किया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राकेश कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रत्येक महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवतियों की स्त्री रोग विशेषज्ञ जांच करके उचित इलाज करते हैं। जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान करके इलाज किया जाता है। समय पर इन खतरों की पहचान करके बहुत सी जटिलताओं को कम किया जाता है। सुरक्षित प्रसव कराने को लेकर गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। प्रसव पूर्व जांच में एनीमिक महिला को आयरन फोलिक एसिड की दवा देकर नियमित सेवन करने की सलाह दी गई।