संसू, नवहट्टा (सहरसा): संभावित बाढ़ के दौरान जलजनित बीमारियों के रोकथाम और उपचार की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही नाव पर अस्थाई अस्पताल का संचालन किया जाएगा। जबकि कोरोना को लेकर मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने को लिए भी जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर विभाग इसकी तैयारी शुरू की है।
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सुगमता से मिलेगी चिकित्सीय सुविधा
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विभागीय जानकारी के अनुसार, बाढ़ आने के पहले विभाग तमाम तैयारियां पूरी कर लेने में जुटा है। ताकि बाढ़ आने पर प्रभावित इलाके के लोगों को सुगमतापूर्वक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। डीएम की अध्यक्षता में गठित महामारी रोकथाम समिति को बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पहले के अनुभव के आधार पर चिह्नित कर तत्काल उपचार और रोकथाम की कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
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गठित होगा बाढ़ नियंत्रण अनुश्रवण कोषांग
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बाढ़ प्रभावित लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए अनुश्रवण कोषांग बनाया जाएगा जिसमें क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल रहेंगे। कोषांग महामारी के समय में प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधी किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करेगी। सिविल सर्जन महामारी की रोकथाम के लिए मेडिकल कालेज से जूनियर डाक्टर, पीजी के छात्र, पारा मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मी की मांग प्राचार्य या अधीक्षक से कर सकते हैं जबकि अस्पतालों में चलंत पैथोलाजिकल दल का गठन किया जाएगा।
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नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण
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नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से करके डिलेवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य प्रबंधक मखदुम अशरफ ने बताया कि विभागीय निर्देश के अनुसार तैयारी शुरू कर दिया गया है। आमजनों को निर्बाध स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।