संवाद सहयोगी, लखीसराय : सरकार अतिपिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा पाने के लिए प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना चला रही है। इसके तहत इंटर से आगे की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को संस्थान के शुल्क के अलावा पढ़ाई का खर्च दिया जाता है। प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलने से अतिपिछड़ा व एससी/एसटी छात्र-छात्राओं में उच्च शिक्षा पाने की होड़ लगी हुई है। जिले के अतिपिछड़ा व एससी/एसटी वर्ग के हजारों छात्र-छात्रा वर्तमान समय में एमबीबीएस, डिग्री इन मेडिसिन, पोस्ट ग्रेजुएट इन मेडिसिन, इंजीनियरिग, कंप्यूटर साइंस, डिग्री इन प्लानिग, डिग्री इन डिजाइन, एग्रीकल्चर, मैनेजमेंट, बिजनेस फाइनेंस, सीए, एलएलबी, नर्सिंग, फार्मा डी, फैशन टेक्नोलाजी, बीएड आदि की पढ़ाई कर रहे हैं। इसको लेकर तीन वर्षों में जिले के 15,320 अतिपिछड़ा व एससी/एसटी छात्र-छात्राओं ने प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति का लाभ पाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय में आवेदन दिया है। इसमें से 11,779 छात्र-छात्राओं का ही संस्थान से सत्यापित हो सका है। हालांकि विभाग ने 13,824 आवेदन कमेटी को भेज दिया है। कमेटी ने अबतक 6,582 आवेदन को सत्यापित किया जा चुका है। गलत जानकारी रहने के कारण कमेटी ने 267 आवेदन को अस्वीकृत किया है। 17 आवेदन में सुधार की जरूरत बताया गया है। जबकि 4,913 आवेदन लंबित है। प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना से गरीब तबके के अतिपिछड़ा व एससी/एसटी छात्र-छात्राओं का भविष्य संवरने लगा है। कई छात्र-छात्रा इंजीनियर, डाक्टर, डिजाइनर आदि बनने का रास्ता खोल दिया है। बिहार शिक्षा परियोजना के डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि अतिपिछड़ा व एससी/एसटी छात्र-छात्राओं के प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के आवेदन का निष्पादन किया जा रहा है। कार्यालय में उपलब्ध आवेदन में से 13,824 आवेदन का निष्पादन करने को लेकर कमेटी को भेज दिया गया है। कमेटी में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी रहता है। उक्त दोनों पदाधिकारी ने आवेदन में वर्णित तथ्यों की जांच कर छात्रवृति उपलब्ध कराने को ले विभाग को भेजा जाता है। जल्द ही सभी आवेदन का निष्पादन कर विभाग को भेज दिया जाएगा।