संवाद सूत्र, सहरसा: शहर में बिना आदेश के ही सैकड़ों कोचिग संस्थान का संचालन हो रहा है। बिना मानक के झोपड़ी और तंग कमरों के बीच कोचिग संस्थान संचालित किए जाने के बाद भी विभागीय स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
शहर के मुख्य बाजारों से लेकर आसपास इलाकों में सैकड़ों की संख्या में कोचिग संस्थान खुले हुए हैं। शहर के अधिकांश कोचिग संस्थान में बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रहता है। अग्निशमन संयत्र सहित पीने का पानी का अभाव रहता है। दर्जनों कोचिग संस्थान में मात्र दरवाजा ही एक आने व जाने का साधन बना हुआ है। दर्जनों की संख्या में एक साथ बच्चे कमरे में पढ़ते रहते हैं। अगर कोई अनहोनी हो जाए तो भगदड़ में कई बच्चों की जान जा सकती है। अवैध रूप से खुले कोचिग संस्थानों द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर छात्र-छात्राओं की भीड़ जुटाई जा रही है। इससे कोरोना के बढ़ने का खतरा हर हमेशा बना रहता है। कुछ कोचिग संस्थान ही मानक अनुरूप संचालित किए जा रहे है। शहर में करीब 300 से अधिक कोचिग संस्थान खुले है। जिसका शिक्षा विभाग द्वारा कोई निबंधन भी नहीं है।
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शहर के गंगजला, इस्लामियां चौक, तिवारी चौक, गांधी पथ, न्यू कोलोनी, सराही, कोसी चौक, पूरब बाजार आदि इलाकों में कोचिग संस्थान यत्र- तत्र खुले हुए है। अधिकांश कोचिग संस्थान में जगह की काफी कमी रहती है। दर्जनों जगह तो झोपड़ी में पढ़ाई होती है। कुछ कोचिग संस्थान जो मेडिकल, इंजीनियरिग की तैयारी कराते हुए वैसे संस्थान तो मानक अनुरूप दिखते है। इन संस्थानों ने शिक्षा विभाग में प्रस्वीकृति के लिए महीनों पूर्व आवेदन कर चुके है। वहीं वर्ग छह से दशम व इंटर तक की पढ़ाई करनेवाले कोचिग संस्थान की स्थिति में काफी गिरावट आ गई है।
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कोचिग संस्थानों का बगैर निबंधन के कोचिग चलाना अवैध है। शिकायत मिलने पर ऐसे कोचिग संस्थानों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। कुछ कोचिग संस्थानों ने प्रस्वीकृति के लिए आवेदन दिया है। जिसकी जांच की जा रही है।
जियाउल होदा खां, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समग्र शिक्षा