सहरसा। जेल के बंदियों को तनाव मुक्त माहौल प्रदान करने और बाहर आने पर रोजी का अवसर प्रदान के लिए जैविक खाद उत्पादन का गुर सिखाया जाएगा। कृषि अनुसंधान केंद्र और उद्यान विभाग जेल के बंदियों को वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जेल में तैयार वर्मी कंपोस्ट से प्रथम चरण में जेल के फलदार पौधे, फूल- पत्ती में उपयोग किया जाएगा और हरी सब्जी का उत्पादन होगा। बाद में जब जेल के बंदी बाहर निकलें तो इस हुनर से वे बेहतर खेती बाड़ी करेंगे और रोजी कमा सकेंगे।
--------- केचुआ के माध्यम से तैयार किया जा रहा है खाद
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----- कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक नदीम अख्तर व प्रशिक्षक इरशाद आलम द्वारा न सिर्फ वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि बताई जा रही है, बल्कि बंदियों को जमीन खोदकर केचुआ के माध्यम से खाद तैयार करने की व्यवहारिक रूप से विधि बताई जा रही है। जेल अधीक्षक सुरेश चौधरी का कहना है कि जेल के बंदी इस कार्य में बेहद रूचि ले रहे हैं। जेल में कई खंडों में वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। इसका पहले जेल के फूल- पत्ती और अन्य पौधों में उपयोग किया जाएगा। बाद में जब बंदी जेल के बाहर निकलेंगे, तो वे इस हुनर का अपने कृषि कार्य और रोजी- रोजगार के लिए कर सकेंगे।
--------------------- जेल के बंदियों को वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण भविष्य में उन्हें जीवन- यापन में सहयोग प्रदान करेगा।
राजेश सिंहा, परियोजना निदेशक आत्मा, सहरसा।