मधेपुरा। डा. पूनम कुमारी को बचपन से चिकित्सक बनने का शौक था। पढ़ाई के दौरान लोगों को हेल्थ टिप्स देती थीं, लेकिन समय के कालचक्र में पूनम चिकित्सा सेवा में आ ही गई। अब पूनम के जीवन का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा देना है। वह लगातार महिलाओं को बीमारी से बचने के लिए जागरूक करती हैं। कई महिलाओं को फायदा हुआ है। पूनम बताती हैं कि बिना कोचिग व ट्यूशन के ही मेडिकल की परीक्षा दी थी। वह चाहती थी कि मेडिकल के क्षेत्र में कुछ अलग करूं। पूनम कहती हैं कि संयोग कहे कि मौका नहीं मिल रहा है। पहले भागलपुर मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर थी। अब जब मधेपुरा मेडिकल कालेज में एचओडी हूं। अंदर से लगता है कि अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रही हूं। मधेपुरा जैसे कस्बाई इलाके में काम करना ही अपने आप में चुनौती है। इलाज के बाद महिलाओं को आने वाले जोखिम से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाती हैं। मधेपुरा में रहने वाली महिला आज भी तकनीकी इलाज से दूर हैं। बस औपचारिकता के तहत इलाज हो रहा है। इस कारण आने वाले समय में यहां की महिलाओं को बच्चेदानी में इंफेक्शन होना आम बात हो गई है। वह कहती हैं कि मौका मिला तो महिलाओं में होने वाले कैंसर पर विशेष रूप से रिसर्च कार्य करेंगी। वह बताती है कि कई लड़कियां इस फिल्ड में आ रही हैं। इससे महिलाओं को इलाज में काफी फायद होगा।