सहरसा। धान क्रय के बदले सीएमआर अब अरबा चावल के रूप में तैयार नहीं होगा। इसके लिए आने वाले राइस मिलों को उसना चावल तैयार करने के लिए नया संयंत्र लगाना होगा। कोरोना संक्रमण के बाद लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में खाद्य सुरक्षा एवं उपभोक्ता विभाग ने यह निर्णय लिया है। आनेवाले दिनों में जनवितरण की दुकान में भी अरबा के बदले उसना चावल ही दिए जाने की योजना है।
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नए संयंत्र के लिए विभाग से मिलेगा आर्थिक सहयोग
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वर्तमान में स्थानीय स्तर पर छोटे- छोटे राइस मिल हैं, जिन्हें पर्याप्त संसाधन नहीं है। फलस्वरूप इन मिलों में अरबा चावल ही तैयार होता है। स्वास्थ्य विभाग ने कई ²ष्टि अरवा चावल की जगह उसना चावल को बेहतर करार दिया है। लोगों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अगले वर्ष से सीएमआर के रूप में उसना चावल ही मिलरों से प्राप्त करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए राइस मीलों में नया संयंत्र अधिष्ठापित करना होगा। सहकारिता विभाग इसके लिए मिलरों को आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा। इसके लिए विचार- विमर्श शुरू हो गया है। आगामी खरीफ विपणन वर्ष में इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
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स्वास्थ्य विभाग के एडवाइजरी के आलोक में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग आनेवाले दिनों में धान के बदले सीएमआर के रूप में उसना चावल तैयार करने पर विचार कर रही है। इसके लिए संयंत्र स्थापित करने के लिए मिलरों को विभाग द्वारा आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा। इसके हेतु विभागीय रणनीति तैयार की जा रही है।
शिवशंकर कुमार, डीसीओ, सहरसा।