मधेपुरा । विकास के इस दौर में गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का दावा किया जा रहा है। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा, इच्छाशक्ति विहीन राजनेताओं व निर्माण कार्य में व्याप्त लूट-खसोट की वजह से प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी ग्रामीण सड़कें अपनी बदहाली पर वर्षों से आंसू बहा रही है। इन सभी अति महत्वपूर्ण सड़कों पर बरसात की बात तो दूर सुखाड़ के दिनों में भी गुजरना व चलना मुश्किल हो जाता है। विभिन्न ग्रामीण सड़कों की जर्जरता, बदहाली व उड़ती धूल से तंग आ चुके आमजन अब आंदोलन पर उतारू हैं। मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के दुहबी-सुहबी एसएच 58 से स्थानीय विधायक के गांव बालाटोल-बलिया होते हुए मधेली एनएच 106, बालाटोल से रौता होते हुए बथनाहा, एसएच 58 नयाटोला बस स्टैंड चौक से झंडापुर बासा होते हुए एसएच 58 पेट्रोल पंप पुरैनी, बथनाहा से कुरसंडी होते हुए एनएच 106, पूर्वी औराय से केलाबाड़ी सपरदह होते हुए हाई स्कूल सपरदह एनएच 106, पुरैनी से चटनमा होते हुए मकदमपुर मोड़, मध्य विद्यालय चटनमा से भटौनी, बघरा मोड़ एसएच 58 से मकदमपुर बजरंग बली चौक, फुलपुर से छब्बूबासा-गोनरचक बासा होते हुए चंडी स्थान, छब्बूबासा से फेकरारही, कड़ामा एनएच 106 से बासुदेवपुर-बथनाहा- बघवा दियारा होते हुए एसएच 58 पुरैनी-डुमरैल बस स्टैंड चौक, बघरा पुल एसएच 58 से कालेश्वर टोला होते हुए दुर्गापुर, दुर्गापुर से चौसा प्रखंड के घोषई सहित कई अन्य ग्रामीण सड़क जर्जर व बदहाल होकर वर्षों से आमजनों को मुंह चिढ़ा रहा है। इन सभी सड़कों के वर्षो पूर्व कराए गए निर्माण के बाद आजतक इसके जीर्णोद्धार व मरम्मती कराने का किसी राजनेता ने जहमत नही उठाई है। जर्जर गड्ढेनुमा सड़क के कारण लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परेशानी तब बढ़ जाती है जब आकस्मिक मौके पर किसी बीमार या प्रसव पीड़ा से परेशान किसी महिला को समुचित इलाज कराने के लिए चार चक्का वाहन से प्रखंड मुख्यालय या फिर बाहर ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में विकट समस्या खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी महत्वपूर्ण सड़क के किनारे पंचायत सरकार भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय के साथ अन्य जरूरी काम से लोगों की आवाजाही लगी रहती है। उसके बावजूद सड़क नहीं बनना समझ से परे है। लोगों का यह भी कहना है कि इन सभी सड़कों के मरम्मती को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी को कई बार कहा गया लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। जबकि उक्त सभी सड़कों पर दिनभर जहां वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। वहीं प्रतिदिन हजारो की संख्या में यात्री सफर करते हैं। कालीकरण के पूरी तरह उखड़ जाने से जगह- जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ उक्त सड़कों की जर्जरता व बदहाली को खुद बयां कर प्रखंड क्षेत्र के विकास के दावे को खोखला कर रही है। सभी ग्रामीण सड़कों के जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते कहीं न कहीं रोजाना हादसे भी होते रहते हैं। इतना ही नही बरसात के दिनों में तो ग्रामीण सड़कों की हालत व भी नारकीय हो जाती है। जगह-जगह टूटी सड़क के कीचड़मय हो जाने से राहगीरों को उस होकर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। जर्जर व बदहाल सड़कों पर लगातार वाहनों के आवागमन से उड़ती धूल सड़क किनारे बसे आबादी सहित आमलोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।उड़ती धूल के कारण वाहनों के आवागमन के दौरान जहां सड़क पर सामने से आ रहे वाहन तक दिखाई नहीं देते है। वहीं लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है। ग्रामीणों ने इस क्षेत्र का 25 वर्षों से लगातार बिना ब्रेक के प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक सह पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव से उक्त सभी ग्रामीण क्षेत्रों के क्षतिग्रस्त सड़कों के अविलंब मरम्मत कराने की मांग की है।