सहरसा। डाकघर में करोड़ों की राशि गोलमाल करने के मामले में अब कार्रवाई शुरु हो गई है। गोलमाल में शामिल कर्मियों पर अब बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है। इनलोगों पर थाना में भी केस दर्ज किया गया था जिसमें फिलहाल सभी जमानत पर हैं।
---
कैसे किया गबन
---
जांच में यह मामला सामने आया है कि मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा उप डाकघर जब सीबीएस नहीं हुआ था, उस समय कर्मियों ने गोलमाल किया। सूत्रों के अनुसार, गोलमाल में शामिल कर्मी फर्जी खाता खोलकर उसमें डाकघर की राशि जमा कर देते थे। इसके बाद उसकी निकासी कर ली जाती है। एक दर्जन से अधिक फर्जी खाते खोले गये जिनमें से लाखों की राशि जमा और निकासी की गई। विभाग के अनुसार, सीबीएस होने से पहले डाककर्मी द्वारा गोलमाल किया गया जबकि रिपोर्ट प्रधान डाकघर को सही तरीके से दी जाती थी।
----
दो करोड़ से अधिक का हुआ था गोलमाल
----
जानकारी के अनुसार, ग्वालपाड़ा उपडाकघर से करोड़ों की राशि का गबन तात्कालीन उपडाकपाल संजीव कुमार और ग्रामीण डाक सेवक शंभू कुमार रजक समेत अन्य ने किया था। दोनों द्वारा आपसी मिलीभगत से दो करोड़ 16 लाख 76 हजार 900 रुपये गबन किया गया। गबन का मामला उजागर होने के बाद दोनों डाककर्मियों ने कुल 30 लाख 76 हजार की रकम सरकारी खाते में जमा किया गया है। विभागीय अधिकारी इस प्रयास में थे कि किसी तरह गबन की राशि सरकारी खाते में जमा करा लिया जाए। अबतक एक करोड़ 86 लाख 900 रुपये की राशि जमा नहीं की गई।
----
अब भी एक दर्जन खाता है फ्रीज
----
ग्वालपाड़ा उप डाकघर में खोले गये फर्जी खाते में से अब भी करीब एक दर्जन खाता फ्रीज है जिसमें करीब 20 लाख से अधिक राशि जमा है। इस मामले में पूर्वी अनुमंडल सहरसा के डाक निरीक्षक संतोष रौशन के आवेदन पर ग्वालपाड़ा थाना में जून, 2018 में केस भी दर्ज कराया गया था जिसमें कई अन्य कर्मी का नाम भी सामने आया है।
----
कोट
दो करोड़ से अधिक राशि गबन मामले में अब भी एक करोड़ 86 लाख बचा हुआ है। गबन मामले में विभागीय स्तर से जांच की गई। इस मामले में कुछ कर्मियों पर कार्रवाई भी हुई है। जांच रिपोर्ट विभाग के वरीय अधिकारियों को भेजा गया है। वरीय अधिकारियों के आदेश से इन कर्मियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
राजीव रंजन, डाक अधीक्षक, सहरसा