केंदीय कारा बनेगा सहरसा जेल

सहरसा। अब सहरसा मंडल कारा केंद्रीय कारा में तब्दील होगा। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने इसके लिए कारा मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। अब इस जेल में रखे जाने वाले सजायाफ्ता बंदियों को भी दूसरे जेल में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। उनके परिजनों को भी मुलाकाती की समस्या नहीं होगी। जेल की सुरक्षा को भी काफी मजबूत किया जाएगा। केंद्रीय कारा होने के बाद यहां विभाग वरीय अधिकारी बैठेंगे और मुख्यालय के भी अधिकारी आते- जाते रहेंगे जिससे सभी बंदियों और कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं पर भी ध्यान रखा जाएगा।

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जेल का स्थापित होगा अपना उद्योग
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पूर्व में भी जेल के बंदियों को कुटीर उद्योग के जरिए मोमबत्ती, साबुन, बांस उत्पादित वस्तुओं को बनाने, महिला बंदियों को सिलाई-कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण देकर कमोवेश रोजगार दिया जा रहा था। अब इस व्यवस्था पूरी तरह मुकम्मल होगा। जेल का अपना उद्योग स्थापित होगा, जहां कैदियों व बंदियों के सहयोग के विभिन्न तरह के उत्पाद तैयार किए जाएंगे और उन्हें इसके बदले उचित पारिश्रमिक भी दिया जाएगा। इससे विभाग की आमदनी तो बढ़ेगी ही बंदियों और कैदियों को भी रोजी कमाने का अवसर मिलेगा।
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विभिन्न तरह के आयोजनों का भी मिलेगा लाभ
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केंद्रीय कारा बनने के बाद यहां निरक्षर बंदियों को साक्षर किया जाएगा, नियमित व्यायाम में योगाभ्यास कराया जाएगा। बेहतर पुस्तकालय और वाचनालय होगा। राष्ट्रीय पर्वों के अलावा भी समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, विचार-गोष्ठी आदि का आयोजन कर बंदियों और कैदियों का तनाव दूर करने का अनवरत किया जाएगा।
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कोट
सहरसा मंडल कारा को केंद्रीय कारा बनाने के लिए जिलाधिकारी स्तर से प्रस्ताव भेज दिया गया है। इससे जेल के बंदियों को कई सहुलियत में बढ़ोतरी होगी। उम्मीद है कि विभाग स्तर से शीघ्र ही अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश चौधरी
जेल अधीक्षक, मंडल कारा, सहरसा।

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