बीएनएमयू में गांधी विचार पाठ्यक्रम समिति की बैठक संपन्न

मधेपुरा । बीएन मंडल विश्वविद्यालय में गांधी विचार की पढ़ाई की दिशा में प्रयास चल रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को स्नातकोत्तर व स्नातक स्तर पर गांधी विचार की पढ़ाई के लिए गठित नियम- परिनियम व पाठ्यक्रम निर्माण समिति की बैठक समिति की अध्यक्ष प्रति कुलपति प्रोफेसर डा. आभा सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें विश्वविद्यालय में गांधी-विचार की पढाई शुरू करने के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। निर्णयानुसार सर्वप्रथम राजभवन सचिवालय के दिशानिर्देशों के आलोक में अन्य विश्वविद्यालय के संबंधित पाठ्यक्रम का अध्ययन किया जाएगा। तदुपरांत अगली बैठक में पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सह प्रति कुलपति ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम देश-दुनिया के विचारकों में अग्रगण्य है। बैठक में आनलाइन भाग लेते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिदी विश्वविद्यालय, वर्धा के डा. मनोज कुमार ने कहा गांधी विचार के पाठ्यक्रम को सैद्धांतिक के साथ-साथ व्यावहारिक भी बनाने की जरूरत है। गांधी विचार विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष डा. विजय कुमार ने कहा कि भागलपुर में वर्ष 1980 में देश का पहला गांधी विचार विभाग स्थापित हुआ था। अब तक विभाग से लगभग दो हजार विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और सौ से अधिक विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्राप्त हो चुकी है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर में दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. राजेश रंजन तिवारी ने कहा कि गांधी-विचार के पाठ्यक्रम को राजभवन सचिवालय से अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुरूप बनाया जाए। दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार ने कहा कि दिसंबर 2018 में स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद् की बैठक में गांधी विचार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शुरूआत करने का प्रस्ताव दिया था। इसके आलोक में विद्वत परिषद की बैठक (23 दिसंबर, 2020) में इस समिति का गठन किया गया। बैठक में निदेशक (अकादमिक) डा. एमआइ रहमान व परीक्षा नियंत्रक आरपी राजेश, समिति के सचिव अस्सिटेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) व जनसंपर्क पदाधिकारी डा. सुधांशु शेखर उपस्थित थे।


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