मधेपुरा। पंचायत चुनाव के लिए चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। इन दिनों संभावित प्रत्याशियों नामांकन के समय लगने वाले दस्तावेज को लेकर चितित हैं। लोगों को गलतफहमी से बचाने के लिए आयोग ने आवश्यक निर्देश जारी किया है।
भ्रष्टाचार में लिप्त कई लोगों की मुश्किलें बढ़ी है। इसके अलावा चुनाव में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी करते हुए भ्रष्टाचार सहित 11 मामलों से जुड़े लोगों को चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है। निर्वाचन आयोग द्वारा जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे निर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसे भारत या भारत से बाहर राजनीतिक अपराध के अलावा अन्य अपराध के लिए छह महीने या उससे ज्यादा की सजा हो चुकी हो उसको चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना गया है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है या चुनाव संबंधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया है तो उसे भी चुनाव लड़ने से बाहर रखा जाएगा। आयोग के नए गाइडलाइन के अनुसार भ्रष्टाचार में लिप्त कई लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सेवा से मुक्त लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी पंचायत चुनाव में अगर कोई केंद्र या बिहार सरकार या स्थानीय प्राधिकार से सहायता प्राप्त संस्था में काम करने वाले हो या फिर कदाचार के कारण सेवा से मुक्त कर दिए गए हो तो ऐसे लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति लोक सेवाओं में नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकेगा। वहीं आयोग ने यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति 21 साल से कम उम्र का है तो वह भी चुनाव नहीं लड़ सकता है। साथ ही कोई व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार या किसी भी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में हो तो उसे भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। सीसीए लगाने के लिए भी तैयार हो प्रस्ताव पंचायत चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन अपराधियों को चिह्नित किया जा रहा है। जिनके खिलाफ सीसीए प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा सके। पहले के चुनाव व सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल रहे अपराधियों को चिह्नित किया जा रहा है। एक प्रशासनिक पदाधिकारी ने बताया कि सीसीए तीन व सीसीए 12 के तहत प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। वैसे अपराधियों पर खास ध्यान दिया जाएगा जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
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