मधेपुरा। समय से धान की रोपाई होने के कारण फसल लहलहा रही है। अनुकूल मौसम व रुक-रुककर हो रही बारिश से किसान अच्छी पैदावार लेने के लिए दिन-रात एक करने में जुटे हैं। लेकिन विडंबना है कि सरकार के लाख जतन के बावजूद प्रखंड क्षेत्र में लगातार दो सप्ताह से यूरिया की किल्लत बरकरार है। लिहाजा लहलहाते धान की फसल यूरिया के अभाव में दम तोड़ रही है। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों धान उत्पादक किसानों ने बताया कि इन दिनों बाजार में यूरिया की काफी किल्लत चल रही है। खेतों में लगे लहलहाती धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया है।
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यूरिया के लिए किसान यहां-वहां भटक रहे हैं। अधिकांश खाद दुकानों में यूरिया की उपलब्धता नही रहने के कारण सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे में प्रखंड क्षेत्र के किसान जहां यूरिया के लिए कई खाद विक्रेताओं के दुकान का चक्कर लगाने को विवश हैं। कृषि विभाग यूरिया की किल्लत को दूर करने तथा सरकारी निर्धारित मूल्यों पर यूरिया उपलब्ध कराने में नाकाम हो रहा है। कृषि विभाग इस महत्वपूर्ण मामले में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं कर पा रही है। किसानों ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में पैक्स सहित व्यापार मंडल भी यूरिया बेचने में रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं काफी मान-मनौव्वल के बाद अधिकांश खाद विक्रेता यूरिया के साथ पोटाश, डीएपी व अन्य वस्तुओं की खरीद पर ही यूरिया देने को तैयार होते हैं। इससे किसानों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। कारण धान फसल के लिए फिलहाल यूरिया की ही जरूरत है अन्य उर्वरक की नहीं। लेकिन यूरिया ही बाजार से गायब है। किसान आखिर खेती करे तो कैसे। किसानों ने बताया कि यदि समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं हुआ तो खेती प्रभावित होने से आने वाले समय में धान की भी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब हो कि किसानों को जरूरत के समय यूरिया नहीं मिलती है। काफी भागदौड़ कर ऊंची कीमतों पर यूरिया मिलने से किसानों के सामने परेशानी के अलावा आर्थिक विपन्नता की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है।