सहरसा। आपदा प्रबंधन विभाग बिहार शिक्षा परियोजना एवं यूनिसेफ ने मिलकर स्कूली बच्चों को बाढ़, भूकंप, अगलगी जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने का गुर सिखाने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बच्चों को प्रशिक्षण देने हेतु सभी विद्यालयों में फोकल शिक्षक की नियुक्ति की गई है। लेकिन कोरोना काल में स्कूल बंद होने से बच्चे इस प्रशिक्षण से वंचित रह गए। ऐसे में बच्चों को आपदा से लड़ने के लिए आनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कोसी इलाके के बच्चों को कोई लाभ नहीं दे सका ।
--- समाप्त हुआ कार्यकाल
---- कोरोना के प्रथम लहर मैं विद्यालय बंद हुआ था। इसके कारण वर्ष 2020 से किसने गठित विद्यालय आपदा प्रबंधन समिति का कार्यकाल विद्यालय बंदी में ही समाप्त हो गया । 2021-22 पर भी कोरोना का असर हो गया। दूसरी लहर में भी स्कूल बंद होने के बाद अगस्त माह में खुला। लेकिन प्रबंधन समिति का समय सीमा खत्म हो गया है । सरकार ने प्रबंधन समिति के गठन एवं बाल प्रेरक के चयन का निर्देश जारी किया है ।
---- क्या है विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम
--- विद्यालय परिसर के अंदर एवं विद्यालय के आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ घर से विद्यालय एवं विद्यालय से पुन: घर लौटने के क्रम में उन सभी जोखिमों व खतरों की पहचान कर बच्चे, शिक्षक, अभिभावक में आपदाओं के जोखिमों की पहचान एवं उनके कुप्रभावों को कम करने के उपायों की समझ एवं क्षमता विकसित करना। विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को नियमित शिक्षण प्रक्रिया में समाहित कर बच्चों में आपदा प्रबंधन की संस्कृति विकसित करना।
----- आपदा प्रबंधन समिति में 13 सदस्य
---- विद्यालय स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति में 13 सदस्य कमेटी का प्रावधान है। जिसमें एक अध्यक्ष, छह बाल संसद सदस्य, दो बाल सुरक्षा सदस्य, तीन बाल प्रेरक के अलावे एक शिक्षक भी शामिल रहते हैं। हालांकि कोसी तटबंध के अंदर लगभग 70 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय मानसून के आते ही बाढ़ से प्रभावित हो जाता है। कोसी नदी के उफान एवं कटाव का असर विद्यालय पर भी पड़ता है । हाल ही में हाटी पंचायत एनपीएस कटुआर नदी में समा गया। इन विद्यालय के बच्चों को भी आपदा के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। मध्य विद्यालय मुरली प्राथमिक विद्यालय देवका के बच्चे अमित कुमार, अमर कुमार, मोहम्मद रुस्तम, पंकज कुमार ने बताया कि उन्हें आपदा प्रबंधन कोई समझ नहीं है।
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विद्यालय खुलने के साथ ही आपदा प्रबंधन समिति के गठन का निर्देश दिया गया है । शीघ्र ही गठन कर बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा ।
सत्यप्रकाश सिंह, बीईओ, नवहट्टा