मधेपुरा। बीएन मंडल विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम के लिए आंदोलन की परंपरा रही है। पंजीयन नहीं होने से आक्रोशित शोधार्थियों ने आंदोलन का मूड बना लिया है। वे 24 अगस्त को विवि में बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। इससे पहले पीएचडी एडमिशन टेस्ट 2019 उत्तीर्ण छात्रों की दो महीना पहले पीजीआरसी हुई लेकिन अभी तक इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। रजिस्ट्रेशन नहीं होने से रिसर्च वर्क भी शुरू नहीं हो पा रहा है। पीजीआरसी की बैठक के बाद इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन होना था, लेकिन विवि प्रशासन के लचर कार्यशैली की वजह से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने में काफी विलंब हो रहा है। छात्र रजिस्ट्रेशन के लिए विवि का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं पंजीयन नहीं होने से जेआरएफ उत्तीर्ण छात्रों को भी भविष्य की चिता सताने लगी है। जेआरएफ उत्तीर्ण छात्र गौतम कुमार व विभीषण कुमार ने कुलपति को आवेदन देकर कहा है कि वे लोग आर्थिक परेशानियों से जुझते हुए अपने-अपने विभाग में नियमित वर्ग संचालन में सहयोग कर रहे हैं, पंजीयन नहीं होने से जेआरएफ से संबंधित फाइल आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उनलोगों ने कहा कि इसके कारण उनलोगों को शोध के लिए फेलोशिप की राशि भी नहीं मिल रही है। अब पीएचडी एडमिशन टेस्ट उत्तीर्ण छात्रों में रजिस्ट्रेशन को लेकर आक्रोश बढ़ने लगा है। शोधार्थी सौरभ कुमार, विभीषण कुमार, सारंग तनय, हर्षवर्द्धन सिंह राठौर, रंजन यादव आदि ने कहा कि विवि की लेटलतीफी के कारण उनलोगों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अगर 23 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं होता है तो 24 अगस्त को विवि में बैठक कर आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे। बताया जाता है कि पैट-2019 के लिए 19 मई 2019 से 10 जून 2019 तक आवेदन करने की तिथि निर्धारित की गई थी। विवि के नार्थ कैंपस स्थित परीक्षा भवन में 14 जून 2019 को पैट का आयोजन किया गया। रिजल्ट जुलाई 2019 के प्रथम सप्ताह में आया। पैट-2019 उत्तीर्ण छात्रों का छह महीने का कोर्स के लिए नवंबर 2019 में एडमिशन लिया गया। कोर्स वर्क में नामांकित छात्रों का कोर्स वर्क परीक्षा 31 अक्टूबर 2020 को नार्थ कैंपस स्थित परीक्षा भवन में ली गई। छठ पूजा के बाद कोर्स वर्क का रिजल्ट जारी हुआ। कोर्स वर्क परीक्षा क्वालीफाई छात्र का डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) अपने-अपने विभाग में हुआ। विवि प्रशासन द्वारा कई बार पीजीआरसी की बैठक के लिए तिथि तय की गई, लेकिन अपरिहार्य कारणों से बैठक संपन्न नहीं पाई थी। कोविड 19 की दूसरी लहर जब स्थिर हुई तो एसओपी के तहत पीजीआरसी की बैठक संकायवार आयोजित हुई।