भाड़े के मकान में चल रहा बाल विकास परियोजना का कार्यालय

सहरसा। विगत 14 वर्षों से संचालित बाल विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया को अपना भवन तक उपलब्ध नहीं हो पाया है जिसके कारण कार्यालय भाड़े के मकान में संचालित हो रहा है। हर वर्ष लगभग ढाई करोड़ से अधिक राशि जनकल्याणकारी योजनाओं में खर्च की जाती है।

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2007 से संचालित है कार्यालय
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वर्ष 2007 से बाल विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया संचालित है। कार्यालय को अपना भवन नहीं होने के कारण प्रखंड मुख्यालय स्थित भाड़े के एक मकान में यह कार्यालय संचालित है। इसके लिए मकान मालिक को विभाग द्वारा प्रत्येक माह 66 सौ रुपये भाड़ा राशि भुगतान करना पड़ता है। कार्यालय के लिए भवन निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों को भी कई बार-बार पत्राचार कर आग्रह किया गया है। मगर अब तक इस मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है।

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185 आंगनबाड़ी केंद्रों का होता है संचालन
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बाल विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया द्वारा प्रखंड के 14 पंचायतों में 185 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है। पंचायतों में संचालित इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत बाल विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग ढाई करोड़ से अधिक राशि खर्च की जाती है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों को सुचारु रूप से संचालन करने हेतु विभाग द्वारा चार महिला पर्यवेक्षिका अनुष्ठान कुमारी, रेखा कुमारी, मनीषा कुमारी एवं शिखा स्वर्णकार पदस्थापित हैं। इसके अलावा बाल-विकास परियोजना कार्यालय में एक सीडीपीओ, एक सांख्यिकी सहायक, एक लिपिक, एक प्रखंड समन्वयक, एक प्रखंड परियोजना सहायक, एक डाटा ऑपरेटर एवं एक अनुसेवक पदस्थापित हैं। हालांकि इनमें सांख्यिकी सहायक की पद विगत कई वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ हैं।
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कार्यालय को अपना भवन नहीं है। भाड़े के मकान में कार्यालय संचालन का कार्य चल रही है। भवन निर्माण हेतु पत्राचार द्वारा विभाग से आग्रह किया गया है।
भारती झा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सत्तरकटैया।

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